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05 दिसंबर 2009

उत्पादन घटने से मार्च तक 21 फीसदी बढ़ सकते हैं पाम तेल के दाम

नई दिल्ली December 04, 2009
इंडोनेशिया में आयोजित विश्व पाम तेल सम्मेलन में गोदरेज इंटरनैशनल लिमिटेड के निदेशक दोराब ई मिस्त्री ने पाम तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की चेतावनी दी है।
पिछले तीन सप्ताह के भीतर पाम तेल की कीमतों में 300 रिंगिट की तेजी दर्ज की जा चुकी है। मिस्त्री ने आगाह किया है कि पाम तेल के भाव 2010 की पहली तिमाही के आखिर तक 2800-3000 रिंगिट हो जाएंगे।
सीपीओ में इस बढ़ोतरी के लिए उन्होंने मुख्य रूप से मलेशिया एवं इंडोनेशिया में सीपीओ के उत्पादन की बढ़ोतरी में ब्रेक लगने, विश्व स्तर पर खाद्य तेलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए उचित प्रयास नहीं होने के साथ बायोडीजल की बढ़ती मांग को जिम्मेदार बताया है।
आने वाले समय में पाम तेल की तेजी के लिए मिस्त्री डॉलर के कमजोर रहने, कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 80 डॉलर के आसपास रहने एवं आगामी अप्रैल तक वनस्पति तेल के आयात पर भारत सरकार द्वारा कोई आयात कर नहीं लगाने को भी मुख्य कारण मानते हैं।
4 दिसंबर को इंडोनेशिया के बाली शहर में आयोजित पाम सम्मेलन में मिस्त्री के पेश किए आकलन के मुताबिक वर्ष 2009-10 (2009, नवंबर से 2010 अक्टूबर) के दौरान भारत में खाद्य तेल के आयात में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। लेकिन कच्चे पाम तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के लक्षण अभी से दिखने लगे हैं।
डॉलर के कमजोर होने एवं निर्यात मांग मजबूत होने के कारण भी पाम तेल की कीमतें बढ़ी हैं, लेकिन आने वाले समय में यानी कि वर्ष 2010 में पाम तेल के उत्पादन में भी गिरावट की आशंका जाहिर की गई है। दूसरी तरफ इंडोनेशिया सरकार ने पाम तेल से घरेलू बाजार के लिए बायोडीजल बनाने का भी फैसला किया है।
मिस्त्री के मुताबिक गत पांच सालों में विश्व के 17 देशों में खाद्य तेल एवं वनस्पति के उत्पादन में 27.34 मिलियन टन का इजाफा दर्ज किया गया है। इनमें से 11.95 मिलियन टन की हिस्सेदारी पाम तेल की है। ऐसे में पाम तेल के उत्पादन में कमी होने से या उसका बायोडीजल के लिए इस्तेमाल होने से विश्व खाद्य तेलों के भाव में बढ़ोतरी होना लाजिमी है।
मिस्त्री के मुताबिक पाम तेल के लिए पूरा विश्व मुख्य रूप से मलेशिया और इंडोनेशिया पर निर्भर करता है। लेकिन मलेशिया और इंडोनेशिया भी एक सीमा तक ही पाम तेल का उत्पादन कर सकता है। मलेशिया की सीमा समाप्त होने लगी है और इंडोनेशिया भी उस ओर अग्रसर है। और इसका सीधा असर खाद्य तेल की कीमतों पर पड़ेगा।
वर्ष 2010 में खाद्य तेल के उत्पादन में पाम तेल का योगदान कम होने जा रहा है। वर्ष 2008 में मलेशिया में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का उत्पादन 17.734 मिलियन टन रहा। और वर्ष 2009 में यहां सीपीओ का कुल उत्पादन 17.5 मिलियन टन रहने का अनुमान है।
वर्ष 2010 के दौरान मलेशिया के पाम पेड़ों के अधिक उत्पादकता के चक्र के समाप्त होने एवं निम्न उत्पादकता चक्र के शुरू होने के साथ अगले साल वहां एल नीनो असर के कारण पाम तेल के उत्पादन में कमी के आसार हैं। मिस्त्री ने कहा कि मांग के लिहाज से वर्ष 2010 में बायोडीजल की मांग के अलावा और कोई बदलाव आने की संभावना नहीं है।
वर्ष 2010 के लिए 30 लाख टन बायोडीजल की मांग का अनुमान लगाया गया है। लेकिन वे कहते हैं कि बायोडीजल की मांग 10 लाख से 25 लाख टन के बीच रहेगी। खाद्य तेल की मांग लगातार तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए कुछ खास नहीं किया जा रहा है। (बीएस हिन्दी)

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