कोलकाता December 03, 2009
विश्व में चाय की कमी का अनुमानित आंकड़ा अब अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 14 करोड़ किलोग्राम का हो गया है। पहले 10 करोड़ टन चाय की कमी का अनुमान लगाया गया था।
अफ्रीका और श्रीलंका में उत्पादन 7 करोड़ किलो कम होने का अनुमान है। साल अंत तक भारत में उत्पादन 5 करोड़ किलो कम रहने का अनुमान है। इस साल के शुरू में देश में 2.5 करोड़ टन चाय की कमी का अनुमान लगाया गया था। उद्योग का अनुमान है कि चाय उत्पादन में 14 करोड़ किलो से कुछ ज्यादा कमी होगी।
जनवरी-सितंबर के दौरान विश्व में चाय का उत्पादन 127.55 करोड़ किलो रहने का अनुमान है। पिछले साल की तुलना में यह 8.9 करोड़ किलो कम है। भारत में सितंबर तक उत्पादन में 1 करोड़ किलो की कमी हुई है। बहरहाल जानकारों का मानना है कि इस साल के अंत तक देश का कुल निर्यात 60 लाख टन ज्यादा होगा।
अगर 96.5 करोड़ टन का उत्पादन होता है और खपत 3 करोड़ किलो बढ़ी, तो कुल कमी 5 करोड़ किलो की होगी। अगर शुरुआत के 2.5 करोड़ किलो को जोड़ लें तो कुल 7.5 करोड़ किलो की कमी होगी। घरेलू बाजार में चाय की कीमत इस समय करीब 30 रुपये किलो ज्यादा है। असम की बेहतरीन किस्म की कीमत बढ़कर 140 रुपये हो गई है।
पिछले साल की समान अवधि में यह 110 रुपये थी। सूत्रों ने यह भी कहा कि मौसम अचानक सूखा हो गया है। चाय सत्र दिसंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में खत्म हो जाएगा। सामान्यतया यह दिसंबर के अंत तक चलता है। उद्योग के जानकारों का यह भी कहना है कि इस समय वैश्विक उत्पादन में बढ़ोतरी के आसार नहीं हैं।
वर्तमान परिदृश्य में अगले सत्र से ज्यादा उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि नए सत्र में कीमतें 30 रुपये किलो तक और बढ़ सकती हैं। पहली बार ऐसा हो रहा है कि सभी चाय उत्पादक देशों में उत्पादन में कमी देखी जा रही है। (बीएस हिन्दी)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें