कोलकाता: करीब 15 दिन पहले 170 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंचने के बाद काली मिर्च की कीमतों में अब गिरावट आने लगी है। स्थानीय बाजारों और निर्यातकों की तरफ से मांग में कमी आने के कारण ट्रेडर भी काली मिर्च में अधिक रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इस कारण काली मिर्च की कीमतों में नरमी आई है। स्थानीय ट्रेडरों और निर्यातकों की तरफ से मांग में बढ़ोतरी न होने के कारण काली मिर्च की कीमतों में 25 रुपए की गिरावट आई है और वह कोच्चि में 145 रुपए प्रति किलो पर आ गई है। कीमतों में गिरावट आने से भारतीय काली मिर्च और दूसरे क्षेत्रों की काली मिर्च की कीमतों में अंतर कम हो गया है। इससे निर्यात बाजार में भारतीय काली मिर्च के लिए अवसर बढ़ गए हैं।
इसमें उच्च गुणवत्ता वाली काली मिर्च मालाबार ग्रेड-1 और औसत गुणवत्ता वाली काली मिर्च एएसटीए ग्रेड की काली मिर्च शामिल है। कमोडिटी एनालिस्ट एंजेल कमोडिटीज के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय काली मिर्च की कीमत करीब 3,100 डॉलर प्रति टन है जबकि ब्राजील की 3,000 डॉलर प्रति टन, वियतनाम की 3,150 डॉलर प्रति टन और इंडोनेशिया की 3,200 डॉलर प्रति टन है। एंजेल कमोडिटीज का कहना है कि ब्राजील से इस साल की फसल के बाजार में आने की खबरों के बाद वैश्विक बाजार में भाव में नरमी आई। 2009 में ब्राजील में काली मिर्च का उत्पादन 30,000-32,000 टन रहने का अनुमान है। भारतीय काली मिर्च और दूसरे क्षेत्रों की कीमतों में 200 डॉलर का अंतर होने के कारण अप्रैल-जुलाई 2009 के बीच भारत से काली मिर्च के निर्यात में 28 फीसदी की अधिक गिरावट आई। इस दौरान 6,750 टन काली मिर्च का निर्यात हुआ। हालांकि आने वाले महीनों में भारत से निर्यात बढ़ने के अनुमान के कारण सट्टेबाज फ्यूचर्स टेडिंग में अधिक भाव लगा रहे हैं। एनसीडीईएक्स पर नवंबर डिलीवरी की कीमतें 14,930 रुपए प्रति क्विंटल पर चल रही हैं। (इत हिन्दी)
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