चंडीगढ़ September 01, 2009
हिमाचल प्रदेश में सेब की खरीद करने वाले निजी कारोबारियों के खरीद का लक्ष्य धूमिल होता नजर आ रहा है। इसकी प्रमुख वजह राज्य में सेब के उत्पादन में आई गिरावट है।
ज्यादा खरीद के लक्ष्य को पूरा करने के लिए खरीद एजेंसियां कीमतों में बढ़ोतरी का सहारा ले रही हैं। पिछले साल हिमाचल प्रदेश में कुल 250 लाख पेटी सेब का उत्पादन हुआ था, जबकि चालू साल में उत्पादन 180 लाख पेटी रहने का अनुमान है।
एक पेटी में 20 किलो सेब होता है। देवभूमि कोल्ड चेन लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है कि सेब की फसल कमजोर होने के चलते खरीद योजनाओं पर प्रभाव पड़ेगा। कंपनी ने कुल 4000 टन सेब खरीदने का लक्ष्य बनाया है, जबकि पिछले साल 1000 टन सेब खरीदा था।
इसके साथ ही कीमतों में तेज बढ़ोतरी और कम उत्पादन की वजह से लक्ष्य फिर से तय किया गया है। देवभूमि कोल्ड चेन लिमिटेड इस साल 1100 रुपये पेटी की दर से दाम देने को तैयार है, जबकि पिछले साल उसने 700 रुपये प्रति पेटी के हिसाब से सेब खरीदा था।
सेब की फसल कमजोर होने की प्रमुख वजह यह है कि पिछले साल की तुलना में इस साल बर्फबारी कम हुई है और सेब की अच्छी फसल के लिए जरूरी तापमान नहीं रहा है। बहरहाल फसल कमजोर होने की वजह से कीमतों में तेज बढ़ोतरी हुई है और किसान अपने उत्पाद का ज्यादा दाम ले रहे हैं।
देवभूमि कोल्ड चेन, अदानी एग्री फ्रेश और फ्रेश ऐंड हेल्दी इंटरप्राइजेज जैसी सेब खरीद एजेंसियां मजबूरन खरीद दरों में बढ़ोतरी कर रही हैं, जिससे किसान खुदरा बिक्री की ओर आकर्षित न हों। सीओएनसीओआर की सहायक कंपनी फ्रेश ऐंड हेल्दी इंटरप्राइजेज ने कहा कि इस साल सेब की कीमतें 25-30 प्रतिशत बढ़ी हैं।
कंपनी 5.5 लाख पेटी सेब खरीदने की तैयारी कर रही है, जितनी खरीद उसने हिमाचल में पिछले साल की थी। कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल जिस सेब की कीमत 700 रुपये प्रति पेटी थी, उसकी कीमत 925 रुपये प्रति पेटी पर पहुंच गई है।
अदानी एग्री फ्रेश ने भी कहा कि उत्पादन में कमी की वजह से इस साल सेब के ज्यादा दाम देने पड़ रहे हैं, जिससे किसान खरीद एजेंसियों को सेब बेचने के लिए आकर्षित हों। अदानी एग्री फ्रेश ने इस साल 25000 टन सेब खरीदने का लक्ष्य रखा है, जबकि कंपनी ने पिछले साल 22,000 टन सेब की खरीद की थी। (बीएस हिन्दी)
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