नई दिल्ली : सोने की कीमतों में आई जबरदस्त तेजी ने सोने और हीरे जड़ित जेवरों के बीच मौजूद कीमतों के अंतर को काफी हद तक गिरा दिया है। भाव में ज्यादा फर्क नहीं होने से डायमंड जड़ित जेवरों में लोगों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली के सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि हीरे के गहने पहले भी ग्राहकों की पसंद थे लेकिन ऊंची कीमतों के चलते इनकी खरीदारी करना हर आदमी के लिए संभव नहीं हो पाता था। अब चूंकि सोने के दाम काफी ऊपर पहुंच गए हैं। ऐसे में दोनों तरह की ज्वैलरी में मौजूद अंतर काफी कम हुआ है और लोग अब हीरे लगे गहनों की खरीदारी को तरजीह दे रहे हैं। पहले जितने सोने के जेवर 1।5 लाख रुपए के होते थे उतने ही अच्छी क्वालिटी वाले डायमंड जड़ित जेवरों की कीमत करीब चार लाख रुपए बैठती थी।
लेकिन अब यह अंतर काफी घट गया है। अब जितने एक लाख के सोने के जेवर आ रहे हैं, बेहतर क्वालिटी वाले हीरे के जड़ित जेवर करीब 1।5 लाख में मिल जाएंगे। दोनों तरह के जेवरों की कीमतों में मौजूद अंतर अब पहले के मुकाबले काफी कम हो गया है। करोलबाग के कैलाश ज्वैलर्स के कीमती लाल जैन के मुताबिक, 'हम रोजाना 5-7 लाख रुपए के तो डायमंड जेवर ही बेच रहे हैं।' हीरे की कीमतों में पिछले कुछ वक्त से जारी कमी और इनकी कीमतों के हिसाब से इनकी विस्तृत रेंज की वजह से गहने बजट के हिसाब से बनाए जाने में मदद मिली है। जैन बताते हैं, 'सोने के भाव ऊंचे होने से हीरे लगे गहने लेने से कीमत को कम किया जाना संभव हुआ है। मसलन, एक लाख वाला केवल सोने का सेट हीरे जड़ित होने के बाद 70,000 से 75,000 रुपए तक का पड़ सकता है। ग्राहक कई बार 22 कैरेट के सोने में 18 कैरेट से लेकर 14 कैरेट तक के हीरे को लगवाकर बजट में खरीदारी कर लेते हैं।' भारत से बड़ी मात्रा में दुनिया के दूसरे देशों को हीरे निर्यात किए जाते हैं। पिछले साल से पश्चिमी देशों में चल रही आथिर्क मंदी की वजह से हीरे के निर्यात में कमी आई है। इस वजह से आकार में बड़े और बेहतर क्वालिटी वाले सॉलिटेयर डायमंड समेत सभी तरह के हीरे की कीमतों में गिरावट आई है। कारोबारी बताते हैं कि क्वालिटी के हिसाब से हीरों की रेंज डी से शुरू होकर एल तक चलती है। इसमें डी, ई, एफ, जी और एच तक के हीरे ऊंची क्वालिटी के माने जाते हैं जबकि आई, जे, के और एल किस्म के हीरे अपेक्षाकृत सस्ते होते हैं। लाजपत नगर मार्केट के रामकृष्ण ज्वैलर्स के प्रवीण चौधरी के मुताबिक, 'दोनों तरह की ज्वैलरी की कीमतों में कम हुए अंतर और नई डिजायनों की ज्वैलरी की मांग के चलते डायमंड ज्वैलरी खरीदने वालों की संख्या बढ़ रही है।' दरीबा बाजार के रतनचंद ज्वालानाथ ज्वैलर्स के तरुण गुप्ता के मुताबिक, 'दीवाली की वजह से गहनों की मांग में 30 फीसदी का इजाफा आया है। करीब 70 फीसदी ग्राहक हीरे लगे हुए गहनों की खरीदारी में रुझान दिखाते हैं। (इत हिन्दी)
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