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08 सितंबर 2009

सोने में निवेश का सुरक्षित और आसान जरिया है गोल्ड ईटीएफ

मुंबई : सोने में निवेश को भारत सहित तमाम देशों में काफी पसंद किया जाता है। इसी कीमती धातु को संपन्नता का प्रतीक भी माना जाता है। आमतौर पर सोने की खरीदारी गहनों, सिक्कों या बार के रूप में की जाती है। लोग अक्सर इन्हें खरीदकर बैंक के लॉकर में सुरक्षित रख देते हैं और जरूरत पड़ने पर ही निकालते हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार भारत में परिवारों के पास 15,000 टन सोने का भंडार मौजूद है। इनमें से अधिकतर गहनों के रूप में है। भारत प्रतिवर्ष 700 से 800 टन सोने का आयात करता है। बहरहाल सोने की भौतिक रूप में खरीदारी के साथ कुछ समस्याएं भी जुड़ी हैं। इनसे से एक बड़ी समस्या सोने की क्वालिटी की है। इसके अलावा इसे सुरक्षित रखना भी एक बड़ा मुद्दा है।
भारत में सोने की खरीदारी ज्यादातर त्योहार या फिर विवाह के मौके पर की जाती है। पिछले कुछ समय में सोने में निवेश के लिए गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) का विकल्प काफी लोकप्रिय हुआ है। इसमें आपको सोना खरीदने या उसे सुरक्षित रखने जैसी चिंताओं का सामना नहीं करना पड़ता। भारत में गोल्ड ईटीएफ 2007 में लॉन्च हुए थे। कीमतें बढ़ने के साथ सोने का सिक्का खरीदने की तुलना में ईटीएफ की कुछ यूनिट खरीदना ज्यादा आसान है। ईटीएफ एक विशेष सूचकांक के प्रदर्शन को ट्रैक करते हैं। इसमें निवेश के साथ कुछ खर्च भी जुड़े होते हैं। रिटर्न की तुलना करने से पहले इन खर्चों पर भी ध्यान देना जरूरी होता है। गोल्ड ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होते हैं और निवेशक शेयर ब्रोकर के जरिए इनमें निवेश कर सकते हैं। विदेश में गोल्ड ईटीएफ काफी लोकप्रिय हैं और भारत में इनकी लोकप्रियता अभी बहुत अधिक नहीं है। सोने के आयात पर नजर डाली जाए तो ईटीएफ की हिस्सेदारी अब भी काफी कम है।जानकारों की राय है कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में कम से कम 10 से 15 फीसदी जगह सोने को देनी चाहिए। गोल्ड ईटीएफ का मूल्य वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों की चाल पर निर्भर करता है। ईटीएफ में निवेश उसी प्रकार होता है जिस प्रकार आप डीमैट के जरिए शेयर खरीदते या बेचते हैं। इसमें आपको फंड हाउस को कुछ शुल्क भी चुकाने होते हैं, लेकिन आपके सामने बनवाई का शुल्क, शुद्धता का जोखिम और इसकी बिक्री में आने वाली समस्याएं नहीं होतीं। अपने पोर्टफोलियो में गोल्ड ईटीएफ को कुछ जगह देकर आप के साथ ही मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा भी हासिल कर सकते हैं। ईटीएफ को भुनाना काफी आसान होता है। कुछ समय पहले जब वैश्विक मंदी की वजह से शेयर बाजारों में भारी गिरावट चल रही थी तो सोने के दाम लगातार चढ़ रहे थे। इससे बहुत से निवेशक इसमें निवेश के प्रति आकर्षित हुए हैं। इस समय भारत में छह गोल्ड ईटीएफ मौजूद हैं। इनमें से गोल्ड बेंचमार्क ईटीएफ, कोटक गोल्ड ईटीएफ, क्वांटम गोल्ड, रिलायंस गोल्ड ईटीएफ और यूटीएफ गोल्ड ईटीएफ जैसे पांच फंड एक साल से भी अधिक समय से मौजूद हैं। एसबीआई म्यूचुअल फंड ने इस साल अप्रैल में अपना गोल्ड ईटीएफ लॉन्च किया है। इसके अलावा बहुत से अन्य घरेलू और विदेशी फंड हाउस भी गोल्ड ईटीएफ लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं। गोल्ड ईटीएफ के रिटर्न पर नजर डाली जाए तो इन्होंने पिछले एक साल में 28 फीसदी का रिटर्न दिया है जो डेट और इक्विटी जैसे बहुत से अन्य संपत्ति वर्गों की तुलना में कहीं अधिक है। अगर आप भी सोने में निवेश की योजना बना रहे हैं या अपने पोर्टफोलियो में डायर्विसिफकेशन लाना चाहते हैं तो गोल्ड ईटीएफ आपके लिए एक अच्छा जरिया साबित हो सकता है और इससे आप लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं। (इत हिन्दी)

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