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11 सितंबर 2009

लगातार बारिश धान एवं गन्ने के लिए अनुकूल

नई दिल्ली 09 10, 2009
दिल्ली, हरियाणा, एवं उत्तर प्रदेश में बुधवार शाम से लगातार हो रही बारिश धान एवं गन्ने के साथ आगामी रबी फसल के लिए वरदान साबित होने जा रही है।
लेकिन यह बारिश लंबी चली तो धान के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। दिल्ली एवं आसपास के इलाकों में बुधवार से लेकर गुरुवार दोपहर ढ़ाई बजे तक 105.4 मिलीमीटर तो हरियाणा में 107.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी इस दौरान लगभग 100 मिलीमीटर बारिश होने की संभावना जाहिर की गयी है।
धान
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक इस साल अधिकतर इलाकों में सूखे के कारण यह बारिश धान के लिए खासकर देर से बुआई की गयी बासमती के लिए काफी फायदेमंद साबित होने जा रही है।
इससे पानी एवं नमी दोनों ही जरूरतों की पूर्ति होगी। सोनीपत के कृषि उप निदेशक अनिल सेहरावत कहते हैं, 'एक-दो दिनों में मौसम के नहीं खुलने पर इस बारिश से नुकसान हो सकता है। क्योंकि नमी अधिक होने से कीड़े लगने की आशंका रहती है। कुछ धान में अब बाली (जिसके अंदर दाने होते हैं) बनने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है ऐसे में लगातार बारिश से बाली के झरने लगती है।'
गन्ना
गन्ने को इस बारिश से बढ़ने का पूरा मौका मिलेगा। गन्ना किसानों के मुताबिक इस बारिश की मदद से अगले 10 दिनों में गन्ना एक से डेढ़ फुट तक बढ़ सकता है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश स्थित मोदीनगर के गन्ना किसान हरेंद्र नेहरा कहते हैं, 'इस बारिश से पैदावार बढ़ने के साथ चीनी के लिए रिकवरी भी बढ़ जाएगी। लेकिन बारिश लगातार जारी रही तो गन्ने गिर जाएंगे और उनका बढ़ना बंद हो जाएगा। साथ ही गन्ने टेढ़े-मेढ़े भी हो जाएंगे।'
रबी फसल
भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. बलदेव सिंह कहते हैं, 'इस बारिश ने रबी फसल के लिए खेतों को अनुकूल बना दिया है। इससे रबी की बुआई तक खेतों में नमी बनी रहेगी और गेहूं, चना, सरसों जैसी रबी की फसलों के लिए यह वरदान साबित होगी।' धान की खेती करने वाले किसानों को अगले एक माह तक खेतों में पानी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
लेकिन कारोबार प्रभावित
बुधवार शाम से लगातार हो रही बारिश से दिल्ली के कारोबारियों में निराशा है। सदर बाजार, खारी बावली, किराना बाजार, चांदनी चौक जैसे इलाके में गुरुवार को कारोबार में 50 फीसदी की गिरावट देखी गयी।
बाजार में पानी जमा होने से माल लदाई का काम बंद रहा। दूसरी तरफ सब्जी मंडी में गुरुवार को सब्जियों की आवक पर्याप्त रही, लेकिन खरीदारों की संख्या में 60 फीसदी तक की कमी देखी गयी। लिहाजा सब्जी की कीमतों में गुरुवार को 25 फीसदी तक की गिरावट देखी गयी।
सदर बाजार के कारोबारियों के मुताबिक लगातार बारिश होने से हमेशा ही उनके कारोबार में कमी आ जाती है। बाजार में कीचड़-पानी का बोलबाला हो जाता है और ग्राहक यहां आने से परहेज करने लगते हैं।
गैस चूल्हा के थोक व्यापारी देवराज बवेजा कहते हैं, 'हमारा सारा कारोबार थोक में होता है। लेकिन बारिश के कारण माल उठाने एवं गिराने का काम बंद रहा।' अनाज मंडी के कारोबारियों के मुताबिक चीनी, दाल, बेसन एवं आटा जैसी वस्तुओं का उठाव बारिश में बिल्कुल ही बंद हो जाता है। क्योंकि बारिश में इसके खराब होने की पूरी आशंका रहती है। बेसमेंट में चल रही कई दुकानों में पानी घुस गया। (बीएस हिन्दी)

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