11 सितंबर 2009
अब तक 50 लाख टन रॉ शुगर आयात के सौदे
देश में चीनी की कमी को देखते हुए चालू वर्ष में 50 लाख टन रॉ शुगर आयात के लिए सौदे हुए हैं। आपूर्ति बढ़ाने और बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है। नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (एनएफसीएसएफ) की सालाना आम बैठक में गुरुवार को कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि 24 लाख टन रॉ शुगर आयात की जा चुकी है और बाकी 26 लाख टन के लिए सौदे अंतिम चरण में हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उपभोक्ता और दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। चालू वर्ष में चीनी का उत्पादन घटकर 150 लाख टन रहने की संभावना है जबकि 2007-08 में 264 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। देश में चीनी की मांग 233 से 240 लाख टन रहने का अनुमान है। वहीं, बैठक को संबोधित करते हुए फेडरेशन के प्रेसीडेंट जे।बी. पटेल ने कहा कि अक्टूबर में जब 2009-10 का सीजन शुरू होगा तो देश में दूसरी बार ऐसा होगा जब चीनी का सबसे कम ओपनिंग स्टॉक होगा। अगले सत्र में देश के पास करीब 30 लाख टन का ओपनिंग स्टॉक होगा। ओपनिंग स्टॉक वह होता है जो पिछले वर्ष नहीं बेचे जाने के कारण अगले वर्ष के लिए ट्रांसफर कर दी जाती है। पटेल ने कहा कि वर्ष 2009-10 के लिए गन्ने के न्यूनतम वैधानिक मूल्य (एसएमपी) में और बढ़ोतरी की जानी चाहिए ताकि अगले सीजन में किसानों का गन्ने की बुवाई की ओर रुझान बढ़े। इस वर्ष सरकार ने गन्ने का एसएमपी 107.76 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। पटेल ने कहा कि किसानों वन टाइम बोनस से इस बात की संभावना बढ़ेगी कि किसान अगले सीजन में गन्ने की बुवाई की तरफ आकर्षित हों। उन्होंने याद दिलाया कि 2002-03 में सूखे के कारण सरकार ने गन्ने का एसएमपी दूसरी बार बढ़ाया था। उधर केंद्र ने कहा है कि वह राशन की दुकानों पर त्योहारी सीजन के दौरान गरीबी रखा से नीचे रहने वाले परिवारों को दो किलो अतिरिक्त चीनी ख्ब्.म् रुपये किलो के हिसाब से बांटेगी। फिलहाल खुले बाजार में चीनी ब्म् रुपये किलो है। (बिज़नस भास्कर)
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