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11 सितंबर 2009

नेफेड को नए सीजन में कपास की खरीद बढ़ने की उम्मीद

नए खरीफ सीजन में नेफेड ने 40 लाख गांठ (प्रति गांठ 170 किलो) कपास खरीदने की योजना बना रही है। कंपनी के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि खरीफ में देश में कपास के उत्पादन में बढ़ोतरी होने की संभावना है। जबकि पिछले वर्ष का बकाया स्टॉक भी ज्यादा है। ऐसे में मांग के मुकाबले कुल उपलब्धता ज्यादा होने के कारण सरकारी खरीद बढ़ने की उम्मीद है। वर्ष 2008-09 में एजेंसी ने 38 लाख गांठ कपास की खरीद की थी।कंपनी के पास इस समय कपास का करीब आठ लाख गांठ का स्टॉक बचा हुआ है। कंपनी के अधिकारी के अनुसार बकाया स्टॉक की बिक्री सितंबर व अक्टूबर महीने में की जाएगी। कंपनी ने 1।51 लाख गांठ की बिक्री के लिए निविदाएं मांगी हैं। निविदा भरने की अंतिम तिथि 24 सितंबर है। कंपनी सूत्रों के अनुसार जुलाई महीने में करीब 8.5 लाख गांठ की बिकवाली की थी, जबकि 15 अगस्त तक करीब 2.5 लाख गांठ कपास की बिक्री की गई है। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार वर्ष 2009-10 में देश में कपास की पैदावार में करीब 6.8 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल उत्पादन 312.25 लाख गांठ होने की संभावना है। वर्ष 2008-09 में देश में कपास का उत्पादन 292.75 लाख गांठ का हुआ था। गत वर्ष घरेलू बाजार में भाव ऊंचे होने व अंतरराष्ट्रीय बाजार में भाव कम होने के कारण निर्यात घटकर मात्र 32 लाख गांठ का हुआ है। ऐसे में विपणन सीजन 2009-10 के शुरू में कपास का बकाया स्टॉक 67.25 लाख गांठ का बचेगा। इसलिए कुल उपलब्धता 386.50 लाख गांठ होने की उम्मीद है जबकि निर्यात और घरेलू मांग को मिलाकर कुल खपत 315 लाख गांठ ही होने की संभावना है। उत्तर भारत और गुजरात में कपास की नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है। मैसर्स कमल कॉटन ट्रेडर्स के डायरेक्टर राकेश राठी ने बताया कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। जिससे आवक प्रभावित हो सकती है। 9 सितंबर को हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की मंडियों में करीब 2400 गांठ और गुजरात की मंडियों में 1300 गांठ नई कपास की आवक हुई। नए मालों में नमी की मात्रा ज्यादा आ रही है।सीसीआई को मिले 1473 करोड़नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वर्ष 2008-09 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कपास की खरीद में हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) को 1,473 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी हैं। सीसीआई किसानों से कपास की खरीद करती है। वर्ष 2008-09 में सीसीआई ने 89.4 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) की रिकार्ड खरीद की थी। केंद्र सरकार ने वर्ष 2008-09 विपणन वर्ष के लिए कपास के एमएसपी में भारी बढ़ोतरी की थी। इस दौरान मीडियम स्टेपल कपास का एमएसपी 1800 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये और लोंग स्टेपल कपास का एमएसपी 2030 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था। हालांकि नए विपणन सीजन वर्ष 2009-10 के लिए केंद्र सरकार ने कपास के एमएसपी में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। नई फसल के उत्पादन में बढ़ोतरी और बकाया स्टॉक ज्यादा होने के कारण पिछले एक महीने में कपास की कीमतों में करीब 1200 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) की गिरावट आ चुकी है। शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव 22,100 से 22,300 रुपये प्रति कैंडी रह गए। सूत्रों के अनुसार चालू सप्ताह में सीसीआई ने छह हजार गांठ कॉटन की बिक्री लुधियाना स्थित एक मिल को 21,900 रुपये प्रति कैंडी की दर से की है। (ब्यूरो) (बिज़नस भास्कर)

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