लखनऊ September 11, 2009
सितंबर में हो रही बारिश से उत्तर प्रदेश के किसानों को उम्मीद जगी है। खरीफ की फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी के अनुमान हैं, हालांकि पिछले साल की तुलना में उत्पादन में कमी रहने की संभावना है।
बारिश के बाद प्रदेश में बारिश में कमी 60 प्रतिशत से घटकर 35 प्रतिशत पर आ गई है। मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि राज्य में अभी अच्छी बारिश की उम्मीद है और अनुमान है कि बारिश में कमी 20 प्रतिशत रह जाएगी।
2008-09 में कुल खरीफ फसलों का क्षेत्रफल 82 लाख हेक्टेयर और उत्पादन 159 लाख टन रहा है। खरीफ की प्रमुख फसल धान का क्षेत्रफल 60 लाख हेक्टेयर और उत्पादन 135 लाख टन रहा।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक राजा सिंह ने कहा, 'इस साल खरीफ फसलों की बुआई का लक्ष्य 91.8 लाख हेक्टेयर रखा गया था, लेकिन 71.1 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में ही बुआई हो सकी। इसकी वजह से फसलों के उत्पादन में कमी का अनुमान लगाया जा रहा है। बहरहाल, हाल के दिनों में हुई बारिश की वजह से नुकसान में कमी आएगी।'
पिछले महीनों के अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक धान की बुआई 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में हुई है, जिसकी कुल बुआई के क्षेत्रफल में हिस्सेदारी 80 प्रतिशत होती है। सिंह ने कहा कि वाराणसी और चंदौली जिलों में मंसूरी चावल की बुआई हुई है, जहां बारिश का सकारात्मक असर पड़ेगा।
हाल ही में उत्तर प्रदेश के 58 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था और सरकार ने सूखा राहत से 7,800 करोड़ रुपये की मदद की मांग की थी। (BS हिन्दी)
12 सितंबर 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें