नई दिल्ली September 03, 2009
अगले महीने से चीनी मिलों की जेबें भारी हो सकती हैं और राशन की दुकान से मिलने वाली चीनी महंगी हो सकती है।
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने सरकार द्वारा खरीदी जाने वाली चीनी (लेवी चीनी) के दाम बढ़ाने का फैसला किया है। यह मामला काफी लंबे समय से लटका हुआ था। सूत्रों ने बताया कि अक्टूबर से शुरू हो रहे नए चीनी सीजन में केंद्र ने महाराष्ट्र से 50 फीसदी और उत्तर प्रदेश से 63 फीसदी अधिक कीमत पर लेवी चीनी खरीदने का फैसला किया है।
पिछले सात साल से लेवी चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई थी। लेकिन पिछले वर्ष उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को आदेश दिया था कि राज्य की ओर से तय किए गए मूल्य को संशोधित कर मिलों से नए दाम पर चीनी खरीदी जाए।
केंद्र देश में मौजूद चीनी मिलों के कुल उत्पादन का लगभग 10 फीसदी हिस्सा खरीदता है, जिसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कम दाम पर वितरित किया जाता है। अभी तक केंद्र वैधानिक न्यूनतम मूल्य के आधार पर ही लेवी चीनी की कीमत तय करता है। यह बाजार की कीमत से अलग होती है।
फिलहाल उत्तर प्रदेश में सरकार 1,275 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर 1,383 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर मिलों से चीनी खरीदती है। चीनी उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। जबकि इस सूची में पहले नंबर पर काबिज महाराष्ट्र में सरकार एक क्विंटल के लिए मिलों को 1,318 रुपये से लेकर 1,344 रुपये के बीच भुगतान करती है।
अनुमान है कि कीमतों में संशोधन के बाद 2009-10 के सीजन के लिए यूपी में सरकार 1 क्विंटल चीनी के लिए 2,087 रुपये और महाराष्ट्र में 1,984 रुपये चुकाएगी। लेवी चीनी की कीमत में संशोधन का मिलों पर अच्छा असर पड़ेगा।
साल 2007-08 में चीनी के रिकॉर्ड उत्पादन के कारण लेवी चीनी की कीमत घटकर 1,200-1,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गई थी। लेवी चीनी की कीमतों में संशोधन होने से मिलों द्वारा किसानों को समय पर भुगतान किए जाने की संभावना भी बढ़ गई है।
कोटा भी बढ़ेगा!
सार्वजनिक वितरण के तहत चीनी की मांग अधिक है और आपूर्ति कम। इस कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार लेवी कोटे को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का फैसला किया है।
सूत्रों ने बताया कि यह बढ़ोतरी सिर्फ 2-3 साल के लिए ही की जाएगी। उत्तर प्रदेश के एक चीनी मिल मालिक ने बताया, 'अगर लेवी कोटा बढ़कर 20 फीसदी भी हो जाता है तो भी हमें पिछले साल के मुकाबले फायदा ही होगा। क्योंकि सरकार तो हमसे इसे संशोधित कीमत पर ही खरीदेगी।'
दिल्ली में त्योहारी खुमार
त्योहार नजदीक होने और आवक काफी कम होने की वजह से दिल्ली में चीनी ने अभी से उछलना शुरू कर दिया है। रमजान और श्राद्ध पक्ष की वजह से चीनी की मांग एकाएक बढ़ गई है, जिसकी वजह से थोक कारोबारी और ग्राहक भारी मात्रा में इसे खरीद रहे हैं। इसी मांग के बल पर गुरुवार को राजधानी में चीनी की थोक कीमत 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गई।
यूपी में तय होगी हद
चीनी की जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार इसी सप्ताह स्टॉक सीमा लागू कर सकती है। राज्य में इस समय चीनी के भाव 34 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं। सीमा लागू होने पर व्यापारी अधिकतम 200 टन चीनी का भंडारण कर पाएंगे और 30 दिन के अंदर उसकी बिक्री भी करनी होगी। (बी स हिन्दी)
04 सितंबर 2009
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