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10 सितंबर 2009

रबर आयात रिकॉर्ड स्तर पर

कोच्चि 09 09, 2009
प्राकृतिक रबर (एनआर) का आयात 7 सितंबर तक बढ़कर 100,000 टन के आंकड़े को पार कर गया है।
उम्मीद की जा रही है कि पूरे साल के दौरान आयात में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। रबर का आयात पहली बार इस स्तर पर पहुंचा है। इस सप्ताह की शुरुआत में ही रबर बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक आयात 1 लाख टन के आंकडे क़ो पार कर गया। वर्ष 2008-09 के दौरान कुल आयात 79,927 टन था।
चालू साल की अप्रैल-अगस्त अवधि के दौरान देश में कुल 98,946 टन रबर का आयात हुआ, जबकि पिछले साल की समान अवधि के दौरान मात्र 27,722 टन रबर का आयात हुआ। पिछले अगस्त महीने में ही 21,339 टन रबर का आयात हुआ, जबकि जुलाई महीने में 20,412 टन रबर का आयात हुआ था।
अगस्त-08 में रबर का आयात 3844 टन था। आयात में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह रबर की कीमतें हैं, जिसे खरीदने में भारत में खरीद की तुलना में मुनाफा हो रहा है। आरएसएल-4 ग्रेड की कीमतें अप्रैल-अगस्त के दौरान अधिकतम 17 रुपये प्रति किलो रहीं। भारत में रबर का आयात अग्रिम लाइसेंस योजना के तहत होता है, जिससे उद्योग जगत को खासा मुनाफा हो रहा है।
यहां तक कि आयात पर 20 प्रतिशत शुल्क दिए जाने के बाद भी 17 रुपये प्रति किलो के हिसाब से आयात सस्ता है। रबर आधारित उद्योग के जानकारों का कहना है है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान रबर के आयात में 100 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी होगी। वे उम्मीद कर रहे हैं कि इस साल कुल 1,50,000 टन रबर का आयात होगा।
हालांकि स्थानीय कारोबारी आयात के इन आंकड़ों से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि आने वाले महीनों में आयात सुस्त पड़ जाएगा, जिसकी दो प्रमुख वजहें हैं- पहला उद्योग जगत अग्रिम लाइसेंस योजना के तहत मिले कोटे की मात्रा का आयात जल्द कर लेगा। आयात की गई कुल मात्रा 1,25,000 टन हो जाएगी।
इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय बाजार में कीमतों का अंतर घटकर 2 रुपये किलो रह गया है, जो कर देकर आयात करने के लिहाज से सस्ता होगा। इसके साथ ही उत्पादन का सीजन भारत में अगले माह से शुरू हो जाएगा और आपूर्ति में बढ़ोतरी की वजह से कीमतें कम होंगी। इसे देखते हुए स्थानीय कारोबारियों का कहना है कि अब आयात में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है।
बहरहाल, कीमतें ज्यादा रहने की वजह से भारत से होने वाला रबर निर्यात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। स्थिति यह है कि जुलाई और अगस्त महीने में निर्यात हुआ ही नहीं। अप्रैल अगस्त के दौरान कुल निर्यात 878 टन रहा, जबकि पिछले साल की समान अवधि के दौरान निर्यात 28,646 टन था। पिछले साल अगस्त महीने में 3047 टन रबर का निर्यात हुआ, जबकि इस साल अगस्त में निर्यात ही नहीं हुआ। (बीएस हिन्दी)

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