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02 सितंबर 2009

फुटकर में दालें अब भी महंगी

सरकारी सख्ती के बावजूद उपभोक्ताओं को अभी तक सस्ती दाल नहीं मिल पा रही है। थोक बाजार में दाम घटने के बाद भी फुटकर में भाव ऊंचे चल रहे हैं। फुटकर में अरहर दाल के भाव 84-88 रुपये, मसूर दाल के 73 रुपये, मूंग दाल के 67 रुपये, उड़द दाल के 65 रुपये और चना दाल के 39 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं।कई राज्यों में वहां की सरकारों द्वारा स्टॉक लिमिट का कड़ाई से पालन करने की वजह से थोक बाजार में दालों के भाव में पिछले दस-बारह दिनों में सात से बीस फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है। उत्पादक राज्यों में नई मूंग की आवक शुरू हो चुकी है तथा चालू महीने के मध्य तक उड़द की नई फसल आने लगेगी। ऐसे में आगामी दिनों में दालों की मौजूदा कीमतों में और गिरावट की संभावना है। दलहन व्यापारी दुर्गा प्रसाद ने बताया कि कई राज्यों में राज्य सरकारों द्वारा स्टॉक लिमिट पर सख्ती करने और भाव ऊंचे होने के कारण दालों की मांग पहले की तुलना में घटी है। इसीलिए थोक बाजार में दलहन के दाम घटे हैं। पिछले दस-बारह दिनों में दिल्ली थोक बाजार में अरहर की कीमत में करीब 18 फीसदी की गिरावट आकर भाव 4900 रुपये, उड़द में 20 फीसदी की गिरावट आकर भाव 3500-3600 रुपये, मसूर में 14 फीसदी की गिरावट आकर भाव 4300 रुपये, चने में आठ फीसदी की गिरावट आकर भाव 2250 रुपये और मूंग दाल में सात फीसदी की गिरावट आकर भाव 4800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उन्होंने कहा कि थोक में दाम घटने का असर फुटकर में आगामी आठ-दस दिनों में पड़ने की संभावना है। महाराष्ट्र की जलगांव मंडी के दलहन व्यापारी बिजेंद्र गोयल ने बताया कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान में मूंग की नई फसल की आवक शुरू हो गई है तथा आगामी पंद्रह-बीस दिनों में उड़द की आवक भी शुरू हो जाएगी। ऐसे में आगामी दिनों में दलहन की मौजूदा कीमतों में और 15-20 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है। हालांकि अरहर की आवक दिसंबर-जनवरी महीने में बनेगी। कृषि मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी बुवाई आंकड़ों के मुताबिक चालू खरीफ सीजन में दलहन की बुवाई 90.74 लाख हैक्टेयर में हुई है जो पिछले साल की समान अवधि के 87.86 लाख हैक्टेयर से ज्यादा है। वर्ष 2008-09 में देश में दालों का उत्पादन 146 लाख टन रहा जबकि देश में दालों की सालाना खपत इस समय 170-180 लाख टन है। घरेलू मांग की पूर्ति के लिए भारत को हर साल करीब 20-25 लाख टन दालों का आयात करना पड़ता है। (बिज़नस भास्कर.....र स रना)

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