कुल पेज दृश्य

02 सितंबर 2009

अगले सीजन में भी चीनी आयात करगी कंेद्र सरकार

सरकार देश में चीनी की सुलभता दुरुस्त रखने के लिए अगले सीजन 2009-10 में भी आयात करेगी। इसके अलावा गन्ना उगाने को किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार उन्हें सस्ता लोन सुलभ करा रही है। उधर सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि उसने मिलों से चीनी खरीदने के लिए और ज्यादा भुगतान करने का फैसला किया है। लेकिन अभी वह इसका विस्तृत अध्ययन कर रही है।कृषि एवं खाद्य मंत्री शरद पवार ने एक कार्यक्रम में बताया कि शुरूआती अनुमान के अनुसार अगले सीजन में भी चीनी का उत्पादन मांग के मुकाबले कम रहेगा, ऐसे में सरकार चीनी का आयात करेगी। पवार ने कहा कि हाल में सरकार ने चीनी मिलों को शुगर डपलपमेंट फंड से लोन लेने की अनुमति दी है ताकि वे किसानों को सस्ती दर पर गन्ना उगाने के लिए कर्ज दे सके। नेशनल फेडरेओशन ऑफ कोआपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज के अध्यक्ष जयंतीलाल बी. पटेल ने कहा कि चीनी के दाम 40 रुपये के रिकार्ड को छू सकते हैं। विदेश में चीनी के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस साल हमारे यहां चीनी का पिछला स्टॉक भी कम बचने का अनुमान है।उधर लेवी चीनी पर उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि आर्थिक मामलों की केबिनेट कमेटी ने लेवी चीनी खरीद का मूल्य संशोधित करने के फैसला किया है। यूपी की चीनी मिलों ने 1322 रुपये प्रति क्विंटल लेवी चीनी के औसत भाव को इस साल जनवरी में चुनौती दी थी। मिलों का दस फीसदी उत्पादन सरकार लेवी चीनी के रूप में खरीदती है। सरकार यह चीनी राशन की दुकानों से उपभोक्ताओं को वितरित की जाती है।न्यायाधीश बी. डी. अहमद और वीना बीरबल की खंडपीठ को एडीशनल सोलिसिटर जनरल ए. एस. चंदयोक ने जानकारी दी कि सीसीईए ने चीनी के लेवी मूल्य (एक्स फैक्ट्री) को दुबारा तय करने का फैसला किया है। इसका विस्तृत अध्ययन किया जाना अभी बाकी है। इसके बाद अदालत ने दस दिन बाद दुबारा मामले की सुनवाई करने का फैसला किया है। खाद्य मंत्रालय ने सीसीईए को प्रस्ताव दिया है कि लेवी चीनी का मूल्य बढ़ाकर 2200 रुपये प्रति क्विटंल तय कर दिया जाए। अभी सरकार विभिन्न राज्यों में 1220.90 से 1430.94 रुपये प्रति क्विंटल के बीच लेवी चीनी खरीदती है। इसका औसत मूल्य 1322 रुपये प्रति क्विंटल बैठता है। (बिज़नस भास्कर)

कोई टिप्पणी नहीं: