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10 सितंबर 2009

आयात से देसी रिफाइनरी पर पड़े ताले

नई दिल्ली 09 09, 2009
खाद्य तेल के आयात में बढ़ोतरी से गुजरात से लेकर राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश तक के रिफाइनरी कारोबार में लगातार गिरावट आ रही है।
100-200 टन तक की क्षमता वाली रिफाइनरी तो बाजार से बाहर हो चुकी है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान रिफाइन खाद्य तेल के आयात में 168 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। इस अवधि में कच्चे खाद्य तेल में 108 फीसदी की बढ़ोतरी रही। अपनी इकाई को बचाने के लिए कारोबारी अब सोया की जगह कच्चे पाम तेल रिफाइन कर रहे हैं। गुजरात में खाद्य तेल के रिफाइन कारोबारियों के मुताबिक आयातित रिफाइन तेल की कीमत घरेलू बाजार के रिफाइन तेल से कम होती है। यही वजह है कि रिफाइन तेल के आयात में लगातार इजाफा हो रहा है। उन्होंने बताया कि फिलहाल कच्चे पाम तेल के भाव कांडला पोर्ट पर 335 रुपये प्रति 10 किलोग्राम है। इसे रिफाइन करने पर इसकी कीमत 380-385 रुपये प्रति 10 किलोग्राम होगी।
जबकि आयातित रिफाइन पाम तेल लगभग इसी कीमत पर या 1 रुपये प्रति किलोग्राम कम कीमत पर उपलब्ध है। इन दिनों सबसे अधिक रिफाइंड पामोलीन का आयात हो रहा है जो सस्ता भी है और इसमें किसी प्रकार का अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ता है।
रिफाइनरी कारोबार में 20 फीसदी की गिरावट के लिए कारोबारी वनस्पति तेल बाजार में कच्चे या रिफाइन पाम तेल की बढ़ती हिस्सेदारी को जिम्मेदार मान रहे हैं। गुजरात के मेहसाणा जिले के रिफाइनरी कारोबारी मानिध गुप्ता कहते हैं, 'तीन-चार साल पहले तक रोजाना 500 टन वनस्पति तेल बेचने पर उनमें 400 टन सोया तेल का होता था। अब 500 टन में 400 टन पाम तेल का होता है।
100 टन में सोया, सनफ्लावर या मूंगफली तेल की हिस्सेदारी होती है। तीन सालों में 200 टन की क्षमता वाली 200 से अधिक रिफाइनरी गुजरात में बंद हो चुकी है।' गुप्ता ने यह भी बताया कि अब कोई भी नयी रिफाइनरी नहीं खुल रही। जो काफी बड़ी इकाइयां है वही अपना विस्तार कर रही है।
शाहजहांपुर के बलबीर अग्रवाल कहते हैं, 'आयात के बढ़ते कारोबार को देख हमने अपना रिफाइनरी बंद कर दिया और अब सॉल्वेंट प्लांट चला रहे है।' राजस्थान की रिफाइनरी में गत दो-तीन सालों के दौरान सिर्फ 50 फीसदी काम बच गया है। यहां 70 फीसदी छोटी रिफाइनरी बंद हो चुकी है।
राजस्थान में मुख्य रूप से सोयाबीन रिफाइन करने का काम होता था। रिफाइन के काम से जुड़े कोटा के कारोबारी पीसी गोयल कहते हैं, 'वैसे कारोबारी जो कच्चे पाम तेल का आयात नहीं कर सकते हैं उन सभी की इकाइयां बंद हो चुकी हैं। आयात शुल्क शून्य रहा तो जल्द ही बची हुई इकाइयां भी बंद हो जाएंगी।'
...आयात से लगा आघात
100-200 टन क्षमता वाली रिफाइनरियां हो गई हैं बंद चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में रिफाइन खाद्य तेल का आयात 168 प्रतिशत बढ़ाकच्चे खाद्य तेल का आयात भी 108 प्रतिशत बढ़ासबसे ज्यादा रिफाइंड पामोलीन का आयात (बीएस हिन्दी)

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