कुल पेज दृश्य

10 सितंबर 2009

पांच साल में निर्यात होगा एक लाख करोड़ के पार: एपेडा निदेशक

नई दिल्ली : कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपेडा) ने कहा है कि उसकी निगरानी वाले उत्पादों का निर्यात अगले पांच साल में लगभग ढाई गुना होकर एक लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर जाएगा। एपेडा के निदेशक एस दवे के मुताबिक, 'इस स्तर पर देश का निर्यात दुनिया भर से होने वाले कृषि निर्यात का पांच फीसदी हिस्सा होगा।' इस वक्त एपेडा की निगरानी वाले उत्पादों का निर्यात करीब 40,000 करोड़ रुपए के स्तर पर है। दवे के मुताबिक, 'जिस तरह से घरेलू फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री आगे बढ़ रही है इससे साल 2014-15 तक यह कम से कम 60,000 करोड़ रुपए और बढ़ जाएगा।' पिछले पांच साल में एपेडा के निगरानी किए जा रहे उत्पादों का विकसित देशों में निर्यात करीब 35 फीसदी बढ़ा है। भारत से होने वाले कुल कृषि निर्यात का 45 फीसदी हिस्सा प्रोसेस्ड फूड से आता है। दवे के मुताबिक भारत ने पिछले कुछ साल में तैयार खाद्य पदार्थों और ऑर्गेनिक उत्पादों के सेक्टर में अच्छी बढ़ोतरी की है लेकिन इस क्षेत्र में और काम किया जाना चाहिए। एसोचैम के आयोजित किए गए एग्री एक्सपोर्ट नेशनल समिट में कृषि, खाद्य और नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री के वी थॉमस ने कहा, 'वैल्यू टर्म में देखा जाए तो कृषि उत्पादों के आयात और निर्यात दोनों में पिछले 15 साल में काफी बढ़ोतरी हुई है। कृषि निर्यात इस दौरान सालाना 8।3 फीसदी की दर से आगे बढ़ा है, जबकि आयात इस दौरान 14.8 फीसदी की दर से आगे बढ़ा है। कृषि निर्यात और आयात का अनुपात पहले के 6.2 से घटकर 3 रह गया है। इससे पता चलता है कि सरकार की शुरू की गई व्यापार नीति पर सुधार का असर दिखने लगा है।' खाद्य प्रसंस्करण सचिव अशोक सिन्हा ने इस मौके पर कहा कि वित्त मंत्रालय उनकी दूध, मांस, मछली, पोल्ट्री से जुड़े उत्पादों को खराब होने वाले उत्पादों में शामिल करने की मांग को मान सकता है। सिन्हा ने कहा, 'इससे सेक्टर को कर रियायतें हासिल करने में मदद मिलेगी जिससे निर्यात में बढ़ोतरी होगी।' (इत हिन्दी)

कोई टिप्पणी नहीं: