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09 सितंबर 2009

बासमती का एमईपी 900 डॉलर प्रति टन

बासमती चावल के निर्यात के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) घटाकर 900 डॉलर प्रति टन करने के संबंध में विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) ने अधिसूचना जारी कर दी है। अभी तक एमईपी 1100 डॉलर प्रति टन था।इसके साथ ही कारोबारियों को 900 डॉलर प्रति टन तक के निचले भाव पर बासमती चावल निर्यात करने की अनुमति मिल गई है। डीजीएफटी का कहना है कि इससे निर्यातक अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तान के कारोबारियों से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। इससे पहले 1,100 डॉलर प्रति टन से ज्यादा कीमत पर ही बासमती चावल निर्यात की अनुमति थी। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में पिछले महीने हुई अधिकार प्राप्त मंत्री समूह की बैठक में एमईपी घटाने का फैसला किया गया है। इस संबंध में डीजीएफटी ने अधिसूचना जारी कर दी है। नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि एमईपी 900 डॉलर (करीब 41,400 रुपये) प्रति टन होने पर ही बासमती चावल निर्यात की इजाजत दी जाएगी। पाकिस्तान में बासमती का एमईपी भारत से काफी कम 700 से 800 डॉलर प्रति टन है। भारत और पाकिस्तान दोनों ही खुशबूदार चावल के अकेले उत्पादक और निर्यातक देश हैं। बासमती चावल में इस क्षेत्र की भौगोलिक विशेषताएं जुड़ी हुई हैं। खाद्य पदार्थे की कीमतों में भारी बढ़ोतरी को रोकने के उपायों के तहत गेहूं की तरह ही गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है। भारत ने 2008-09 के दौरान 15 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया था जबकि उससे पहले वर्ष निर्यात 11 लाख टन था। (बिसनेस भास्कर)

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