03 सितंबर 2009
एमईपी बढ़ने से प्याज का निर्यात 20 फीसदी गिरा
चालू वर्ष के अगस्त माह के दौरान प्याज के निर्यात में करीब 20 फीसदी की गिरावट आई है। इस दौरान 1.31 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ। सरकार ने अगस्त के लिए प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 20 डॉलर बढ़ाया था। वहीं दूसरी ओर घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए इसके न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को सितंबर माह के लिए 10 डॉलर बढ़ा दिया गया है।भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) के उप प्रबंधक (बागवानी निर्यात मामले) रमेश कुमार झुरकाइन ने बिजनेस भास्कर को बताया कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से प्याज की निर्यात मांग घटने के कारण अगस्त में भारत से इसका निर्यात 20 फीसदी कम रहा। इसके अलावा अगस्त माह के लिए प्याज का एमईपी 20 डॉलर बढ़ने के कारण भी भारतीय प्याज विदेशी बाजार में महंगा हो गया। इससे निर्यात में गिरावट को बल मिला है। नेफेड के आंकडों के अनुसार अगस्त में 1.31 लाख टन प्याज निर्यात हुई, जुलाई में यह आंकडा़ 1.65 लाख टन था। दरअसल पाकिस्तान में प्याज की बंपर पैदावार होने के कारण वहां से अब दूसरे देशों को निर्यात हो रहा है जबकि मई माह तक पाकिस्तान प्याज का भारत से आयात कर रहा था। चालू वित्त वर्ष में पांच माह में पाक को करीब 50 हजार टन प्याज निर्यात हो चुका है।जबकि पिछले वित्त वर्ष में देश से करीब 1.69 लाख टन प्याज निर्यात हुई थी। पाकिस्तान के अलावा बांग्लादेश में भी नई फसल की सप्लाई होने के कारण निर्यात मांग कम निकल रही है। भारत सबसे अधिक प्याज का निर्यात बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका और मलेशिया आदि देशों को करता है। अगस्त माह के दौरान बांग्लादेश को करीब 50 हजार टन प्याज का निर्यात होने का अनुमान है। उधर घरेलू बाजार में इन दिनों गोदामों से प्याज की सप्लाई हो रही है। अगस्त माह के दौरान इसकी कीमतों में 50-60 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। इन दिनों महाराष्ट्र की नासिक मंडी में इसके दाम 600 रुपये प्रति क्विंटल और दिल्ली की आजादपुर मंडी के इसके थोक दाम 800-900 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। वित्त वर्ष 2008-09 में भारत से प्याज का निर्यात करीब 51 फीसदी बढ़कर 16.70 लाख टन हो गया है। (बिज़नस भास्कर)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें