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03 सितंबर 2009

अगस्त में कॉटन का निर्यात 11.5 फीसदी कम रहा

जुलाई के मुकाबले अगस्त महीने में देश से कॉटन के निर्यात शिपमेंट में 11।5 फीसदी की कमी आई है। टैक्सटाइल कमिश्नर आफिस के सूत्रों के अनुसार अगस्त महीने में 42,205 गांठ (एक गांठ 170 किलो) की शिपमेंट हुई है जबकि जुलाई महीने में 47,729 गांठ की शिपमेंट हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन की कीमतों में पिछले डेढ़ महीने में करीब 8.4 फीसदी की गिरावट आई है। जबकि घरेलू बाजार में इस दौरान कॉटन की कीमतें कम घटी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन की कीमतों में तेजी नहीं आई तो निर्यात में आगामी महीनों में और कमी आने का अनुमान है। सूत्रों के अनुसार टैक्सटाइल कमिश्नर के आफिस में अगस्त महीने में कॉटन निर्यात के लिए 242,399 गांठ (एक गांठ 170 किलो) के सौदे पंजीकृत हुए हैं तथा इसमें से 42,205 गांठ की शिपमेंट हुई हैं। जबकि जुलाई महीने में 171,691 गांठ के सौदे पंजीकृत हुए थे तथा 47,729 गांठ की शिपमेंट हुई थी। चालू कपास सीजन (अक्टूबर से अगस्त तक) के दौरान कमिश्नर आफिस में कॉटन निर्यात के लिए कुल 34.35 लाख गांठ के सौदे ही पंजीकृत हुए हैं तथा इसमें से 29.41 लाख गांठ की शिपमेंट हुई है। कॉटन एडवाइजरी बोर्ड के मुताबिक वर्ष 2007-08 में देश से 88.5 लाख गांठ का निर्यात हुआ था। निर्यात में भारी गिरावट का प्रमुख कारण घरेलू बाजार के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन के दाम नीचे होना है। न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में कॉटन के अक्टूबर वायदा अनुबंध के भाव 15 जुलाई को 61.50 सेंट प्रति पाउंड थे जबकि एक सितंबर को इसके भाव घटकर 56.37 सेंट प्रति पाउंड रह गए। अबोहर स्थित मैसर्स कमल कॉटन ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर राकेश राठी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की मंडियों में नई फसल की आवक शुरू हो गई है। पिछले डेढ़ महीने में पिछली फसल की शंकर-6 किस्म की कॉटन के भावों में भी 1,000 रुपये की गिरावट आकर भाव 22,600- 22,700 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी 356 किलो) रह गए हैं। विदेशी बाजारों में कॉटन की कीमतों में गिरावट को देखते हुए घरेलू बाजार में इसकी मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की संभावना है। (बिज़नस भास्कर)

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