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09 सितंबर 2009

उत्पादक क्षेत्रों में इलायची पैदावार 12 फीसदी घटने का अनुमान

प्रमुख उत्पादक राज्यों में मई से अगस्त मध्य के दौरान बारिश कम होने से इलायची की पैदावार में कमी आने की आशंका है। पिछले साल देश में 12,500 टन इलायची का उत्पादन हुआ था लेकिन चालू सीजन में उत्पादन घटकर 11,000 टन ही रहने की संभावना है। उत्पादक केंद्रों पर नई फसल की दूसरी तुड़ाई शुरू हो चुकी है। बोल्ड क्वालिटी की आवक बढ़ने लगी है। लेकिन निर्यातकों के साथ घरेलू मांग अच्छी होने से भाव मजबूत ही बने हुए हैं। नवंबर में ग्वाटेमाला में नई फसल की आवक बनने से पहले मौजूदा भावों में भारी गिरावट की संभावना नहीं है।मुंबई स्थित मैसर्स सेमेक्स एजेंसी के मैनेजिंग डायरेक्टर मूलचंद रुबारल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि इस समय घरेलू और निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है। भारतीय इलायची के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में 16 से 20 डॉलर प्रति किलो चल रहे हैं। जबकि ग्वाटेमाला की इलायची के भाव 13 से 15 डॉलर प्रति किलो हैं। ग्वाटेमाला के पास बकाया स्टॉक कम बचा है तथा नई फसल की आवक नवंबर महीने में शुरू होगी। ग्वाटेमाला में चालू सीजन में इलायची का उत्पादन घटकर 17,000 से 18,000 टन ही रहने की संभावना है। जबकि सामान्यत: वहां 22,000 टन का उत्पादन होता है। ऐसे में आगामी दो महीने तक भारत से निर्यात मांग बराबर रहने की संभावना है। हालांकि आगामी दिनों में भारत में नीलामी केंद्रों पर आवक बढ़ सकती है जिससे मौजूदा भाव में 40-50 रुपये प्रति किलो की गिरावट तो आ सकती है लेकिन भारी गिरावट की संभावना नहीं है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से जुलाई के दौरान भारत से इलायची के निर्यात में 56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान देश से 250 टन इलायची का निर्यात हुआ है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 160 टन से ज्यादा है।केरल की कुमली मंडी स्थित मैसर्स अग्रवाल स्पाइसेज के प्रोपराइटर अरुण अग्रवाल ने बताया कि नीलामी केंद्रों पर 6।5 एमएम इलायची के भाव 680 से 700 रुपये, 7 एमएम के भाव 750 से 780 रुपये, 7.5 एमएम के 820 से 850 रुपये और 8 एमएम इलायची के भाव 880 से 900 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं। इलायची ग्रोवर्स एसोसिएशन के सचिव के. के. देवसिया ने बताया कि जून, जुलाई और अगस्त के मध्य तक उत्पादक राज्यों केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में सामान्य से काफी कम बारिश हुई थी। जिसका असर नई फसल की पैदावार पर पड़ा है। पिछले साल देश में 12,500 टन इलायची का उत्पादन हुआ था लेकिन सीजन में उत्पादन घटकर 11,000 टन ही रहने की संभावना है। त्यौहारी सीजन होने के कारण इस समय घरेलू मांग भी अच्छी बनी हुई है। नीलामी केंद्रों पर साप्ताहिक आवक बढ़कर 200 टन से ज्यादा हो गई है। इसमें बोल्ड क्वालिटी (साढ़े सात और आठ एमएम) की आवक 30 फीसदी के करीब है। चालू सीजन में पैदावार में तो कमी आएगी ही, साथ ही बकाया स्टॉक भी कम है। पिछले साल इस समय करीब 2,000 से 2,500 टन का बकाया स्टॉक बचा हुआ था जबकि इस समय मात्र 1000 टन का ही स्टॉक बचा हुआ है। इसलिए दिवाली तक इलायची में ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं है। (बिज़नस भास्कर....र स रना)

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