कुल पेज दृश्य

20 अगस्त 2009

जमाखोरों पर शिकंजा कसने की कवायद टांय-टांय फिस्स

जमाखोरों पर शिकंजा कसकर बेलगाम महंगाई पर अंकुश लगाने की सरकारी कवायद टांय-टांय फिस्स होती दिख रही है। महंगाई में जमाखोरी से चांदी कूटने वालों के यहां हरियाणा सरकार पिछले दो दिनों से छापे मार रही है। इन दो दिनों में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में 559 व्यापारियों के यहां छापे मारे। इनमें से विभाग की पकड़ मंे अब तक एक भी ऐसा व्यापारी नहीं आया है जिसके यहां प्रदेश सरकार की ओर से तय स्टॉक से अधिक माल हो। यहां के बाजार में पिछले एक सप्ताह से तमाम अनाज की जस की तस कीमतें साफ संकेत दे रही हैं कि छापेमारी की कसरत महंगाई पर बेअसर है। व्यापारियों के तय स्टॉक से अधिक माल बाजार में आने के बजाय उन बेनामी गोदामों में पहुंच गया है जो विभाग की पकड़ से बाहर हैं। यहां बाजार के जानकारांे का कहना है कि प्रदेश में गन्ने का रकबा घटने के समाचार मिलने के साथ ही व्यापारियों ने बड़ी मात्रा में चीनी का स्टॉक जमा कर लिया है। उनका मोटा अनुमान है कि लोकसभा चुनावों के वक्त 2400 से 2500 रुपये प्रति क्विंटल चीनी के भाव पर स्टॉक जमा करने वाले हरियाणा के व्यापारियांे के यहां एक से सवा लाख टन चीनी का स्टॉक जमा है, जबकि थोक व्यापारी की स्टॉक सीमा 250 क्विंटल और रिटेलर की स्टॉक सीमा 25 क्विंटल तय की गई है। यहां बाजार में चीनी के थोक भाव पिछले एक सप्ताह से 2900 से 3250 रुपये क्विंटल के बीच हैं।गत 12 अगस्त को हरियाणा प्रीवेंशन ऑफ होर्डिग एंड मेंटीनेंस ऑफ क्वालिटी आर्डर 1977 के तहत अनाज और चीनी पर सरकार द्वारा स्टॉक सीमा लगाए जाने के बाद लगातार तीन दिन की छुट्टियों के चलते फालतू स्टॉक को इधर से उधर पहुंचाने के लिए जमाखोरों को पर्याप्त समय मिल गया। स्टॉक सीमा तय करने की घोषणा 12 अगस्त को करने वाले खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने व्यापारियों के यहां छापे की कार्रवाई 17 अगस्त से शुरू की है। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जांच के दौरान यह पाया गया कि 559 व्यापारियांे में से 361 ऐसे हैं जिन्हांेने विभाग को पहले ही अपना स्टॉक घोषित कर दिया था। 198 व्यापारी ऐसे हैं जिनके यहां स्टॉक तय सीमा के मुताबिक था। करनाल में सबसे अधिक 212 व्यापारियों के यहां छापे मार कर स्टॉक की जांच की गई। स्टॉक लिमिट लगने के बाद दलहन व चीनी के दाम घटेबिजनेस भास्कर नई दिल्ली नई दिल्ली। राज्य सरकारों द्वारा सख्ती बरतने से चीनी और दालों की कीमतों में पिछले चार-पांच दिनों से गिरावट का रुख देखा जा रहा है। दिल्ली थोक बाजार में चीनी की कीमतें करीब 140 रुपये गिरकर 3000 से 3050 रुपये प्रति क्विंटल रह र्गई। उत्तर प्रदेश में इसके एक्स फैक्ट्री भावों में 100 रुपये की गिरावट आई जिससे दाम 2950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। महाराष्ट्र और राजस्थान में स्टॉकिस्टों पर सख्ती करने से दलहन की कीमतों में भी 250 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। दिल्ली थोक बाजार में चने के भाव पिछले चार-पांच दिनों में 250 रुपये घटकर 2250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान उड़द के भाव 4300 रुपये से घटकर 4100 रुपये, अरहर के भाव 5600 रुपये से घटकर 5300 रुपये, मूंग के भाव 5200 रुपये घटकर 4800 रुपये और मसूर के भाव 4600 रुपये से घटकर 4350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। (Business Bhaskar)

कोई टिप्पणी नहीं: