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05 अगस्त 2009

विदेशी खबरों की आंच पर गर्म हुए खाद्य तेल

मुंबई: सोया और पाम ऑयल की कीमतें पिछले कुछ दिनों में काफी तेजी से चढ़ी हैं। इसकी वजह शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड और बर्सा मलेशिया में मजबूती रही है। यह अलग बात है कि मध्यम से लंबी अवधि में इन तेलों की कीमत कमजोर रहने के आसार हैं। मुंबई में पामोलिन की एक्स फैक्टरी कीमत में 3 रुपए प्रति किलो का उछाल आया है। वहां इसका भाव 38 रुपए प्रति किलो चल रहा है जिसमें स्थानीय कर शामिल नहीं है। मुंबई में रिफाइंड सोयाबीन आयल की कीमत डेढ़ से दो रुपए तेज होकर 44 से 45 रुपए प्रति किलो हो गई है। इन तीनों कमोडिटी एक्सचेंज में कारोबार कर रहे बाजार के खिलाडि़यों ने अपने मंदी के सौदे कवर किए हैं। दरअसल उन्हें लग रहा है कि इन दोनों कमोडिटी में बहुत ज्यादा बिकवाली हो गई है।
इसके चलते स्थानीय बाजारों में सोया और पाम ऑयल का हाजिर भाव चढ़ा है। चीन से मांग निकलने के चलते भी इनके भाव तेज हुए हैं। इसकी दूसरी वजह क्रूड ऑयल की कीमत में पिछले हफ्ते के मुकाबले तीन डॉलर प्रति बैरल का इजाफा भी है। क्रूड ऑयल की कीमत पिछले हफ्ते 68 डॉलर थी जो 71 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। क्रूड के भाव तेज होने पर खाद्य तेलों से बायोडीजल बनाने का धंधा बढ़ जाता है। एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के एनालिस्ट अजीत कुमार का मानना है कि मध्यम से लंबी अवधि में खाद्य तेलों की कीमत दबाव में रह सकती है। दरअसल भारत और अमेरिका में सोयाबीन की प्रति एकड़ पैदावार में बढ़ोतरी हुई है और सितंबर में नई फसल की आवक शुरू होने वाली है। घरेलू बाजार में सोयाबीन की कीमत में तेजी की वजह त्योहारी मांग और सरकार द्वारा आयात शुल्क लगाने के आसार हैं। सरकार के हालिया अनुमान के मुताबिक जुलाई तक 90.74 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुआई हुई थी जो पिछले साल के 87.75 लाख हेक्टेयर के मुकाबले तीन लाख हेक्टेयर ज्यादा है। (ET Hindi)

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