नई दिल्ली: घरेलू स्टील कंपनियां हॉट रोल्ड स्टील जैसे आयातित फ्लैट स्टील उत्पादों पर 25 फीसदी विशेष आयात कर लगाए जाने की आस बांधे हुए हैं लेकिन सरकार के संभावित कदम के लिए उन्हें अभी इस महीने के अंत तक इंतजार करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि यह विशेष आयात कर तब लगाया जाता है जब किसी उत्पाद का आयात बढ़ने से घरेलू बाजार में उसके उत्पादकों को मुश्किल का सामना करना पड़ता है। इसे विशेष हित रक्षा कर भी कहते हैं। इस मुद्दे पर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सेफगॉर्ड्स ने तेजी से कोई फैसला करने के लिए शुरुआती जांच की था, लेकिन वाणिज्य विभाग इस पर जल्दबाजी में कोई फैसला करने के मूड में नहीं है। सेफगार्ड बोर्ड चालू महीने के अंत तक इस मुद्दे पर बैठक करेगा और उचित कार्रवाई करने के लिए अपनी अनुशंसा राजस्व विभाग को भेजेगा।
11 मई को हुई पिछली बैठक में बोर्ड ने फ्लैट स्टील उत्पादों और एचआर स्टील पर 25 फीसदी सेफगार्ड ड्यूटी लगाने के डीजीएस के प्रस्ताव को अमान्य कर दिया था। बोर्ड का मानना था कि आयातित उत्पादों पर ड्यूटी लगाने के लिए जरूरी और विस्तृत सबूत पेश नहीं किया गया था। इसने डीजीएस को अगले दो महीने तक विस्तृत जांच करने और संबंधित इंडस्ट्री से उनकी राय लेने को कहा था। हालांकि डीजीएस ने इस पर एक महीने से कुछ ज्यादा समय के भीतर ही अपनी जांच पूरी कर ली और हॉट रोल्ड स्टील पर 25 फीसदी सेफगार्ड ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव दिया है। डीजीएस ने इस तरह का सुझाव एस्सार स्टील और इस्पात इंडस्ट्रीज द्वारा की गई शिकायतों पर किया है। इसी तरह का सुझाव पेपर, एक्रेलिक फाइबर और ऑटो कम्पोनेंट के संदर्भ में किया गया है। ईटी से बातचीत में वाणिज्य विभाग के अधिकारियों ने बताया विभाग एक समय सीमा के भीतर काम करता है और वाणिज्य विभाग को ऐसा नहीं लगता है कि स्टील पर सेफगार्ड ड्यूटी लगाने में जल्दबाजी दिखानी चाहिए। अधिकारी ने बताया, 'इंडस्ट्री किसी बड़े संकट के दौर से नहीं गुजर रही है। स्टील उत्पादों पर सेफगार्ड ड्यूटी लगाने संबंधी किसी तरह का फैसला महीने के अंत तक ही होने की उम्मीद है।' सेफगार्ड बोर्ड की अगुवाई वाणिज्य सचिव करते हैं। इस बोर्ड में दूसरे मंत्रालयों और विभागों के सचिव भी शामिल होते हैं। इनमें राजस्व, भारी मंत्रालय, टेक्सटाइल और स्टील मंत्रालय के सचिव शामिल होते हैं। (ET Hindi)
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