अहमदाबाद July 13, 2009
राज्य के प्रमुख गन्ना उत्पादक इलाके, दक्षिण गुजरात के किसान इस समय बारिश में हो रही देरी से खासे चिंतित हैं।
उन्हें डर है कि इससे गन्ने की पैदावार प्रभावित होगी। चीनी उद्योग के जानकारों का कहना है कि बारिश में कमी की वजह से 2009-10 में गन्ने का उत्पादन कम होने के आसार हैं।
हालांकि दक्षिण गुजरात में पिछले 2 दिनों में बारिश की फुहारें पड़ी हैं लेकिन गुजरात की गन्ने की फसल पर मानसून की देरी का प्रभाव पहले से ही नजर आ रहा है। मंडी शुगर फैक्टरी के चेयरमैन दिलीप भक्त ने कहा कि गन्ने की बुआई का काम जनवरी में पूरा हो गया था और पेराई का सत्र नवंबर से मई महीने तक चलता है।
गन्ने की फसल इस समय खड़ी है और इसकी उत्पादकता पर असर पड़ा है। इसके परिणामस्वरूप इस साल गन्ने के उत्पादन में 15 प्रतिशत कमी आ सकती है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी स्थिति बनी रहती है तो गन्ने की फसल और कमजोर होगी।
नौसारी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डीयू पटेल ने कहा कि अप्रैल से जून के बीच गन्ने का विकास होता है और अगर इस दौरान पानी की कमी होती है तो गन्ने में फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ता है। इसके चलते गन्ने की उत्पादकता घट जाती है। जून महीने में मौसम सूखा रहने से निश्चित रूप से गन्ने की उत्पादकता प्रभावित होगी। (BS Hindi)
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