नई दिल्ली June 30, 2009
अरहर दाल की कीमत में पिछले 45 दिनों के दौरान 30 फीसदी, मूंग दाल में 25 फीसदी तो मसूर दाल में लगभग 10 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है।
कारोबारी इस बढ़ोतरी के लिए दलहन की कुल घरेलू उपज में 20 फीसदी की कमी के साथ रंगून की दाल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी मांग को जिम्मेदार बता रहे हैं। भारत सालाना 28-29 लाख टन दाल का आयात करता है और अरहर, मूंग, उड़द की आपूर्ति मुख्य रूप से आयात पर ही निर्भर करती है।
बरसात के दौरान दाल की मांग में मजबूती आने से इसकी कीमत में और बढ़ोतरी की संभावना जाहिर की जा रही है। सिर्फ चना दाल के दाम में आयातित मटर के समर्थन से गत मई के मुकाबले 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है।
दाल मंडी के मुताबिक पिछले एक सप्ताह में अरहर दाल की कीमत में 500-600 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा आया है। थोक कारोबारी राजेंद्र गोयल बताते हैं, 'तीन दिन पहले तक वर्मा में अरहर दाल 940 डॉलर प्रति टन के स्तर पर थी जो कि अब 980 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गयी है।
घरेलू थोक बाजार में यह 70 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर है।' 40-45 दिन पहले इसके भाव 55 रुपये प्रति किलोग्राम थे। गोयल बताते हैं कि अरहर दाल की मांग भारत के साथ विश्व के 10 प्रमुख देशों में भी बढ़ती जा रही है जबकि इसका 60 फीसदी से अधिक आयात म्यामार से तो अन्य आयात चीन व थाईलैंड से किया जाता है।
मांग में खासी बढ़ोतरी के कारण ही गत जनवरी के दौरान 400 डॉलर प्रति टन की दाल 980 डॉलर के स्तर पर पहुंच गयी है। जनवरी में अरहर दाल की नयी फसल आती है। सर्वोत्तम मूंग दाल की कीमत थोक बाजार में फिलहाल 55 रुपये प्रति किलोग्राम है जबिक पिछले माह के आरंभ में यह कीमत 45 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
मसूर दाल की कीमत इस दौरान 47-48 रुपये प्रति किलोग्राम थी जो कि उछाल के साथ 50-53 किलोग्राम के स्तर पर आ गयी है। चना दाल के भाव मंदी के साथ 26 रुपये प्रति किलोग्राम है। लारेंस रोड स्थित चना दाल व बेसन के थोक व्यापारी अशोक गुप्ता कहते हैं, 'कनाडा व अन्य देशों से आयातित मटर 14-15 रुपये प्रति किलोग्राम बाजार में भरपूर मात्रा में उपलब्ध है जिससे चने में गिरावट है।'
कारोबारियों के मुताबिक जुलाई, अगस्त व सितंबर के दौरान सब्जी महंगी हो जाती है जिससे दाल की मांग 10-15 फीसदी तक अधिक हो जाती है। इससे दाल में कुछ और मजबूती आ सकती है। लेकिन कीमत में अधिक बढ़ोतरी होने पर दाल के उपभोग में और कमी आ जाएगी।
पहले से ही दाल की सालाना प्रति व्यक्ति खपत लगातार घट रही है और 2010 में यह प्रति व्यक्ति 10 किलोग्राम हो जाने की उम्मीद है। वर्ष 2007-08 के दौरान दालों का कुल उत्पादन 151 टन था। कारोबारियों को इस बात का भी मलाल है कि सरकार दाल की फसल की ओर ध्यान नहीं दे रही है। पिछले पचास सालों में दाल के उत्पादन में मात्र 0.9 फीसदी की दर से बढ़ोतरी दर्ज की गयी है।
बेतहाशा बढ़ीं कीमतें
दाल मई-09 जून-09अरहर 55-56 68-70 मूंग 45 55मसूर 48 53उड़द 42 48सभी थोक कीमत रुपये प्रति किलो मेंस्त्रोत : दिल्ली दलहन बाजार (BS Hindi)
01 जुलाई 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें