कोच्चि June 30, 2009
हाल के महीनों में काली मिर्च का आयात बढ़कर नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि चालू वित्त वर्ष में भारत काली मिर्च का शुध्द आयातक बन कर उभर सकता है।
मई महीने में कोच्चि बंदरगाह से गुल 2265 टन काली मिर्च का आयात हुआ, जबकि पूरे भारत से कुल निर्यात 1745 टन रहा। कोच्चि के एक प्रमुख काली मिर्च निर्यातक ने कहा कि आने वाले महीनों में भी आयात का दबाव बना रहेगा, क्योंकि मई, जून और जुलाई महीने में आयात के लिए तमाम सौदे हुए हैं।
भारत को काली मिर्च की आपूर्ति करने वाले प्रमुख देशों में वियतनाम, इंडोनेशिया और श्रीलंका शामिल हैं। आयात में तेज बढ़ोतरी के पीछे निर्यातक और कारोबारी 2 प्रमुख वजह बताते हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण वियतनाम और इंडोनेशिया में कीमतें कम पड़ रही हैं।
काली मिर्च का स्थानीय भाव 2700-2750 डॉलर प्रति टन है, जो वियतनाम और इंडोनेशिया की तुलना में 300-350 डॉलर प्रति टन ज्यादा है। कीमतों में कमी का फायदा उठाने के लिए काली मिर्च का आयात किया जा रहा है और उसे फिर से मूल्यवर्धित कर निर्यात कर दिया जा रहा है। मुंबई और चेन्नई बंदरगाहों से भी काली मिर्च का आयात हो रहा है।
श्रीलंका ने तेल बनाने वाली कंपनियों को आकर्षित किया है। श्रीलंका की काली मिर्च महंगे दर पर आ रही है क्योंकि इसमें 15-16 प्रतिशत तैलीय पदार्थ निकलता है, वहीं भारतीय काली मिर्च में केवल 7-8 प्रतिशत निकलता है।
कारोबारियों के मुताबिक आने वाले 2-3 महीनों में आयात में और बढ़ोतरी होगी। इसकी वजह है कि वियतनाम, इंडोनेशिया और ब्राजील की तुलना में भारत में कीमतें ज्यादा हैं। (BS Hindi)
01 जुलाई 2009
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