नई दिल्ली/मुंबई/लखनऊ July 02, 2009
पेट्रोल और डीजल की कीमत में इजाफे से वाहन चलाने वालों पर तो असर हो गया है, आपकी रसोई में भी इसकी गर्मी आने वाली है।
पेट्रोल में 4 और डीजल में 2 रुपये की बढ़ोतरी से देश भर में माल ढुलाई का भाड़ा 10 से 15 फीसदी बढ़ने जा रहा है। मुंबई में तो आज से ही बढ़ोतरी कर भी दी गई है। इसका असर आपकी जेब पर ही पड़ेगा क्योंकि रोजमर्रा इस्तेमाल की कई वस्तुओं की कीमत भाड़ा बढ़ने से ज्यादा हो जाएगी।
इस बढ़ोतरी के बाद चावल, चीनी, दाल, फल और सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी होने की आशंका है। पहले से ही खाद्य वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। जाहिर है इस आशंका से आम आदमी की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।
ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ओ पी अग्रवाल के मुताबिक डीजल की कीमत में बढ़ोतरी से दिल्ली-मुंबई मार्ग पर 1,800 रुपये, दिल्ली-कोलकाता मार्ग पर 1,600 रुपये, दिल्ली-बेंगलुरु मार्ग पर 2,600 रुपये, दिल्ली-कोच्चि मार्ग पर 3,000 रुपये और दिल्ली-गुवाहाटी मार्ग पर 2,800 रुपये का अतिरिक्त ढुलाई खर्च आयेगा।
जिन राज्यों में ट्रांसपोर्टरों की यूनियन मजबूत है वहां गुरुवार से ही ढुलाई खर्च में 5-6 फीसदी का इजाफा हो गया है। अन्य राज्यों में भी इस महीने की 15 तारीख तक मालभाड़े में बढ़ोतरी हो जाएगी।
इस बारे में बॉम्बे गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मलकीत सिंह बल कहते हैं, 'साल भर पेट्रो उत्पादों की कीमतें नहीं बढ़ाई गईं लेकिन चुनाव के बाद सरकार ने अचानक पेट्रोल के दाम में तकरीबन 10 फीसदी और डीजल के दाम में लगभग 6 फीसदी बढ़ोतरी कर दी। सरकार के इस कदम के कारण मजबूरी में हमें भी भाड़े में 10 फीसदी की बढ़ोतरी करनी पड़ी है।'
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रवक्ता चंद्र कुमार छाबड़ा के मुताबिक चुनाव के मद्देनजर पेट्रो उत्पादों के दामों में कमी की गयी थी और अब चुनाव समाप्त होते ही कीमतें बढ़ाकर फिर आम आदमी की कमर तोड़ने का इंतजाम कर दिया है।
उनका कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दाम तब बढ़े हैं जब कमजोर मानसून के कारण किसानों को सिंचाई का ज्यादा सहारा लेना पड़ रहा है। लखनऊ में गोविंद ट्रांसपोर्ट के मालिक दलजीत सिंह कहते हैं, ' सरकार अब साल में तीन-चार बार डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाती है और ऐसे में पहले से बुक माल को पहुंचाने पर ट्रांसपोर्टर को ही चपत लगती है।'
ट्रैवल एंजेटों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल महंगा होने से उनके कारोबार पर फर्क पड़ेगा लेकिन इस समय ऑफ सीजन होने की वजह से फिलहाल गाड़ियों का किराया नहीं बढ़ाया जाएगा।
लंबी दूरी के लिए ढुलाई खर्चे में हुई 5 फीसदी की बढ़ोतरी, और बढ़ोतरी की संभावना उपभोक्ता तक पहुंचने तक वस्तुओं की कीमत में 8-10 फीसदी के इजाफे की आशंकाछोटी गाड़ियों के मालभाड़े में प्रति किलोमीटर 75-80 पैसे की बढ़ोतरी
कोई भी सामान पहले स्टॉकिस्ट के पास पहुंचता है, फिर थोक विक्रेता के पास और सबसे आखिर में खुदरा विक्रेता के पास। इस तरह तीन अलग अलग चरणों में ढुलाई का काम होता है।
डीजल के दाम में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी से छोटे वाहनों की ढुलाई लागत 75-80 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ जाएगी। देश में 68-70 फीसदी मालों की ढुलाई सड़क मार्ग से की जाती है। लिहाजा उपभोक्ता तक पहुंचते-पहुंचते उस वस्तु की कीमत में 8-10 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी। कहीं-कहीं बढ़ोतरी का आंकड़ा 15 फीसदी तक हो सकता है। (BS Hindi)
03 जुलाई 2009
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