मुंबई July 13, 2009
सोमवार को चीनी के शेयरों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई और इसके साथ ही सरकार द्वारा चीनी के शुल्क मुक्त आयात की अवधि बढ़ाए जाने के अनुमान से भी बाजार पर असर पड़ा।
अनुमान यह लगाया गया कि सरकार सफेद चीनी के शुल्क मुक्त आयात की अवधि 31 जुलाई से बढ़ा सकती है। धामपुर शुगर मिल्स, द्वारकेश शुगर, मवाना शुगर, श्री रेणुका शुगर्स और सिंभावली शुगर्स के शेयर धराशायी रहे और इनमें 9 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। वहीं बजाज हिंदुस्तान सबसे कम नुकसान वाली चीनी मिल रही, जिसके शेयरों में 3 प्रतिशत की गिरावट हुई।
इस साल फरवरी महीने में सरकार ने मिलों को शुल्क मुक्त चीनी का आयात करने की अनुमति दे दी थी, जो सितंबर-09 तक वैध है। बहरहाल इसमें शर्त यह थी कि तीन साल के भीतर आयात की गई चीनी के बराबर ही सफेद चीनी का निर्यात करना है।
अप्रैल में सरकार ने सफेद चीनी के निर्यात की शर्त 31 जुलाई तक के लिए हटा दी। पिछले साल देश में चीनी के उत्पादन में 45 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। कुल उत्पादन 260 लाख टन से घटकर 140 लाख टन रह गया।
जिंस विशेषज्ञों ने कहा कि अगर निजी कारोबारियों को सफेद चीनी के आयात और चीनी मिलों को शुल्क मुक्त कच्ची चीनी के आयात की अनुमति मिल जाती है तो देश में चीनी का पर्याप्त भंडार हो जाएगा और अक्टूबर 2010 में शुरू होने वाले सत्र तक के लिए चीनी की कोई कमी नहीं होगी।
कोटक कमोडिटीज के शोध विश्लेषक अमोल तिलक ने कहा, 'अगर पर्याप्त बारिश नहीं होती है तो उत्पादन में गिरावट आएगी और देश में और ज्यादा चीनी का आयात करना होगा।' अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले एक पखवाड़े के दौरान चीनी की कीमतों में कमी देखी गई है।
उदाहरण के लिए लंदन एलआईएफएफ ई में अक्टूबर सौदे के लिए सफेद चीनी का कारोबार 464 डॉलर प्रति टन के हिसाब से हो रहा है, वहीं 1 जुलाई को दरें 478 डॉलर प्रति टन थीं। इसी तरह से इंटरनैशनल कमोडिटी एक्सचेंज में कच्ची चीनी का कारोबार 17.16 सेंट प्रति पाउंड पर हुआ, जबकि 1 जुलाई को कीमतें 18.01 सेंट थीं।
बांबे शुगर मर्चेंट्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी मुकेश कुवाडिया के मुताबिक चीनी मिलों के लिए रिकवरी एक अहम मसला है। उन्होंने कहा, 'अगर बारिश असामान्य रहती है तो इससे रिकवरी प्रतिशत पर प्रभाव पड़ेगा। चीनी मिलों को गन्ने की पूरी कीमत देनी होगी, लेकिन उससे रिकवरी कम होगी, जिससे उनका मुनाफा प्रभावित होगा। यह अतिरिक्त भार चीनी मिलों पर ही पड़ेगा।'
बहरहाल, हाजिर बाजार में चीनी के दाम बढ़ रहे हैं। दिल्ली, कोल्हापुर, कोलकाता और विजयवाडा में आज चीनी की कीमतों में क्रमश: 22, 12, 7 और 40 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई। मुंबई में हाजिर बाजार में चीनी का कारोबार 2300 से 2350 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हुआ।
चीनी की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हाल के दिनों में सुधार का रुख रहा। जिंस विश्लेषकों का मानना है कि अगर भारत में बड़े पैमाने पर आयात होता है तो चीनी की कीमतों में कमी आएगी। अगर बाहर से चीनी मंगाई जाती है तो मालभाड़ा जोड़ने के बाद थोक दाम 25 रुपये किलो पड़ता है, जो घरेलू बाजार में थोक भाव से 2 रुपये किलो ज्यादा है।
शेयर बाजार में पिटीं चीनी मिलें
कंपनी बंद भाव गिरावट (प्रतिशत)बजाज हिंदुस्तान 29.25 2.82धामपुर शुगर 51.60 7.19द्वारकेश शुगर 66.40 9.48मवाना शुगर 26.85 9.29अवध शुगर 46.00 5.45श्री रेणुका 123.90 7.61सिंभावली शुगर्स 35.10 6.40सोमवार को कीमतस्रोत: बांबे स्टॉक एक्सचेंज (BS Hindi)
14 जुलाई 2009
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