मुंबई July 13, 2009
मानसून की बेरुखी का असर अब साफ तौर पर कृषि उत्पादों पर दिखाई देने लगा है। सोमवार को सुबह बाजार खुलते ही ज्यादातर कृषि उत्पादों की कीमतों में 2-3 फीसदी तक का उछाल देखने को मिला।
कृषि जिंसों तेजी से बढ़ रही कीमतों में अहम भूमिका निभाने वाले मानसून के अलावा वायदा कारोबार में शुरू हुई प्रॉफिट बुकिंग और हाजिर बाजार में सटोरियों के सक्रिय होने को माना जा रहा है। कृषि जिंसों में पिछले एक सप्ताह के अंदर लगभग 10 फीसदी तक का इजाफा हो चुका है।
जानकार मानते है कि एक दो सप्ताह में मानसून की स्थिति स्पष्ट नहीं होती है तो कीमतों में 10 से 15 फीसदी तक का इजाफा देखने को मिल सकता है। एमसीएक्स में चने का जुलाई वायदा खुलते ही 3 फीसदी का अपर सर्किट लग गया इस अनुबंध में तेजी का असर चना के दूसरे अनुबंधों में भी देखने को मिला जुलाई अनुबंध में अपर सर्किट लगने के बाद अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के वायदा में भी 3 फीसदी का अपर सर्किट लग गया।
चने की तरह ग्वार सीड और ग्वार गम में भी तीन फीसदी का अपर सर्किट लगा जबकि गेहूं के जुलाई और सितंबर वायदा में 3 फीसदी की बढ़त देखने को मिली। वहीं मसालों में भी मजबूती देखी गई जीरा और हल्दी 2 फीसदी जबकि धनिया अगस्त में करीबन 3 फीसदी की तेजी देखने को मिली। हालांकि कारोबारी दिन की समाप्ति होने तक कीमतों में कुछ सुधार भी देखने को मिला।
कृषि जिंसों में तेजी पर एंजेल ब्रोकिंग के कमोडिटी रिसर्च प्रमुख अमर सिंह का कहना है कि इस समय मानसून मेन प्लेयर तो है ही, इसके अलावा कृषि जिसों में तेजी के साथ सब्जियां और दूध भी महंगे हुए हैं जिसके वजय से तेजी का सेंटीमेंट बना हुआ है इस लिहाज से कृषि जिंसों में तेजी का रुख बना हुआ है।
सिंह के अनुसार मौजूदा माहौल को देखते हुए एक- दो सप्ताह के अंदर मानसून की स्थिति स्पष्ट नहीं होती है तो कीमतों में 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
शेअर खान ब्रोकिंग फॉर्म के कमोडिटी प्रमुख मेहूल अग्रवाल कहते हैं कि मानसून की अनिश्चितता से कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है और यह अनिश्चितता और बढ़ती है तो विशेषकर दालों की कीमतें और तेजी के साथ ऊपर जाएंगी क्योंकि इस बार देश के अंदर दालों का उत्पादन भी कम हुआ है।
इसके अलावा अप्रैल-मई में दालों का निर्यात भी 16 फीसदी अधिक किया गया है जोकि मानसून कमजोर होने की खबर से घरेलू बाजार में दालों की कीमतों को अच्छा खासा प्रभावित करेगा। वायदा बाजार के साथ ही साथ हाजिर बाजार में भी कृषि जिंसों की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है।
एपीएमसी बाजार के कारोबार अशोक के अनुसार किसानों और व्यापारियों को लग रहा है कि मानसून इस साल सही नहीं रहेगा क्योंकि अभी तक बरसात सही तरीके से नहीं हुई और एक हप्ते के अंदर सही बरसात नहीं होती है तो फसल सही नहीं होगी।
छोटे शहरों के कारोबारी सूखे की आशंका से माल रोकने लगे हैं जिससे बाजार में कीमतें चढ़ना शुरू हुई हैं। कारोबारी सोचतें है कि दो महीने के अंदर कीमतों में करीबन 25 फीसदी का इजाफा हो सकता है जिससे उन्हे अच्छा फायदा होगा।
चढ़े वायदा भाव
जिंस पिछले सप्ताह सोमवारचना 2249 2597गेहूं 1108 1184ग्वार सीड 1912 1961हल्दी 5162 5665जीरा 10888 11625काली मिर्च 12077 12700नोट- कीमत प्रति क्विंटलस्त्रोत- बाजार सूत्र एवं एनसीडीईएक्स (BS Hindi)
14 जुलाई 2009
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