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10 जुलाई 2009

अब घटेंगी सीमेंट की कीमतें!

कोलकाता July 09, 2009
इस साल की पहली छमाही में सीमेंट की कीमतों में मजबूती और लदान में जोरदार बढ़ोतरी के बाद अब इसकी कीमतों में 1 माह के भीतर गिरावट के आसार हैं।
उद्योग जगत के सूत्रों का कहना है कि इस वित्त वर्ष के दौरान सीमेंट के उत्पादन में 450 लाख टन बढ़ोतरी की उम्मीद है और इसके साथ ही मानसून भी आ गया है। ऐसी स्थिति को देखते हुए उम्मीद है कि पूरे देश में सीमेंट की 50 किलो की एक बोरी की कीमत में पूरे देश में 3 रुपये से 10 रुपये तक गिर सकती है।
देश के दक्षिणी और पश्चिमी भागों में सीमेंट की कीमतों में ज्यादा गिरावट के आसार हैं, वहीं उत्तर भारत और पूर्वी भारत में कीमतें कमोवेश स्थिर रहेंगी। वर्तमान में भारत में सीमेंट की कुल उत्पादन क्षमता 2240 लाख टन है।
बिनानी सीमेंट की उत्पादक कंपनी बिनानी ग्रुप आफ इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक विनोद जुनेजा ने इस बात की पुष्टि की कि मानसून के चलते मांग में आई कमी की वजह से अब कीमतें 2-3 रुपये प्रति बोरी कम हुईं हैं। दक्षिण भारत की बाद करें तो यहां वर्तमान क्षमता से उत्पादन में करीब 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद है।
मुंबई स्थित एक जिंस विश्लेषक का कहना है कि इस स्थिति को देखते हुए अनुमान है कि अगस्त की शुरुआत में कीमतों में 5-10 रुपये प्रति बोरी की गिरावट आ सकती है। उन्होंने कहा कि कीमतों में गिरावट एकबारगी नहीं होगी, यह चरणबध्द तरीके से होगी। मुंबई की एंजेल ब्रोकिंग के एक विश्लेषक पवन बुर्डे ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही करीब 70 से 80 लाख टन उत्पादन क्षमता बढ़ चुकी है।
सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीएमए) के अध्यक्ष और उत्तर भारत की प्रमुख सीमेंट कंपनी श्री सीमेंट के प्रबंध निदेशक एचएम बांगुर ने कहा कि बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाए जाने से सीमेंट की मांग में बढ़ोतरी होगी और इसके चलते कीमतों में मजबूती बनी रहेगी।
उन्होंने कहा कि कामनवेल्थ खेलों के लिए निर्माण कार्य अभी और तेज होगा, इसके साथ ही ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर भी काम शुरू होना है। हालांकि उद्योग ने पहले ही क्षमता विस्तार की योजना बना ली है, जिसके चलते आपूर्ति में किसी तरह की कमी नहीं आने वाली है।
बहरहाल बिल्डर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (बीएआई) का कहना है कि अभी मांग में कोई तात्कालिक बढ़ोतरी के अनुमान नहीं हैं। बीएआई के उपाध्यक्ष आरएम भाटिया ने कहा कि केंद्रीय बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर होने वाले खर्च की धनराशि में केंद्र ने 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, लेकिन इस प्रक्रिया में बहुत समय लगेगा और परियोजनाओं को हकीकत में रूप लेने में अभी समय लगेगा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सीमेंट निर्माता आपूर्ति की व्यवस्था कमजोर करने की भी कोशिश कर सकते हैं। भाटिया ने हालांकि इस बात की पुष्टि की कि पश्चिम भारत में सीमेंट की कीमतों में 3-5 रुपये प्रति बोरी की कमी आई है और भविष्य में कीमतों में और कमी हो सकती है। इस समय मुंबई में सीमेंट की कीमतें 250 रुपये प्रति बोरी हैं।
केंद्रीय बजट 2009-10 में आवासीय परियोजनाओं के लिए 3973 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इंदिरा आवास योजना में 63 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है और अब इसका बजट 8,800 करोड़ रुपये हो गया है, वहीं ग्रामीण हाउसिंग फंड के लिए नैशनल हाउसिंग बोर्ड के लिए 2000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
अट्राटेक सीमेंट के सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि अगले 15 दिनों तक सीमेंट की कीमतें यथावत बनी रहेंगी, लेकिन उसके बाद कीमतों में गिरावट के आसार हैं। उन्होंने कहा कि जहां पूर्वी क्षेत्र में मांग 15-18 प्रतिशत बढ़ी है, वहीं आपूर्ति की स्थिति में भी सुधार आया है।
बहरहाल विश्लेषकों का मानना है कि उत्तर और पूर्वी भारत में कीमतें तुलनात्मक रूप से स्थिर बनी रहेंगी। पिछले कुछ महीनों के दौरान सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद कोलकाता में अब सीमेंट 272 रुपये प्रति बोरी है। (BS Hindi)

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