मुंबई July 09, 2009
नैशनल कमोडिटीज ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) में इस महीने अब तक गेहूं का वायदा मूल्य 2.93 फीसदी बढ़ चुका है, जबकि जून में गेहूं की कीमत 3.18 फीसदी घटी थी।
गेहूं की निर्यात मांग में हुई तेजी से यह बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। एक्सचेंज में गुरुवार को गेहूं की कीमत 1100 रुपये प्रति क्विंटल रही, वहीं बुधवार को जुलाई महीने का अनुबंध 1098.60 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 30 जून को 1076.40 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर था।
1 जून की बात करें तो तब गेहूं का वायदा मूल्य 1111.80 रुपये प्रति क्विंटल था। हालांकि, हाजिर बाजार में गेहूं 1,050 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास बना हुआ है। इस तरह सरकार द्वारा घोषित 1,080 रुपये प्रति क्विंटल से यह 30 रुपये कम है। अमृतसर स्थित पूजा ट्रेडिंग कॉरपोरेशन के विमल सेठी के मुताबिक, वहां की मंडियों में इस समय गेहूं का बहुत ज्यादा लेनदेन नहीं हो रहा।
देश में गेहूं के लगभग सभी निर्यात ऑर्डर भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) पूरा करता है। इसके पास देश का तकरीबन 99 फीसदी गेहूं भंडार होता है। रैबो बैंक द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, 1 जुलाई 2009 तक एफसीआई के पास 3.6 करोड़ टन गेहूं जमा है, जबकि बफर स्टॉक 1.7 करोड़ टन का होना चाहिए।
अनिश्चित मानसून के चलते सरकार इस स्टॉक को जमा रखे हुए है और इसका निर्यात नहीं कर रही है। रैबो बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, मानसून यदि जुलाई में सामान्य रहा तो करीब 50-60 लाख टन गेहूं निर्यात हो सकता है।
वैसी सेठी कहते हैं कि गेहूं की कीमत में वृद्धि पूरी तरह से सट्टेबाजी पर आधारित है। गेहूं की न तो निर्यात मांग है और न ही घरेलू मांग। गौरतलब है कि सरकार ने 4 जुलाई को गेहूं निर्यात पर लगा 28 महीने पुराना प्रतिबंध हटा लिया था। इस तरह सरकारी एजेंसियों के जरिए 9 लाख टन गेहूं निर्यात करने की मंजूरी दे दी गई। गेहूं निर्यात पर फरवरी 2007 में प्रतिबंध लगाया गया था।
भुखमरी हटाओ मिशन में जुटे संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ने अनुमान व्यक्त किया है कि 2009 में दुनिया में गेहूं उत्पादन 4 फीसदी घटकर 65.58 करोड़ टन रह जाएगा। पिछले साल दुनिया का कुल गेहूं उत्पादन 68.46 करोड़ टन रहा था। एफएओ ने शुरू में अनुमान लगाया था कि वर्ष 2009-10 में 11.4 करोड़ टन गेहूं का कारोबार होगा।
अजर्ेंटीना से खबर है कि वहां गेहूं की बुआई 50 फीसदी घटकर 9 लाख हेक्टेयर हो गई है। इसकी वजह मिट्टी में नमी का न्यून स्तर है। हाल के महीनों में यूरोप के कुछ इलाकों में शुष्क मौसम के चलते उत्पादन पहले के अनुमान से कम होगा।
स्ट्रेटजिक ग्रेन्स नामक रिसर्च एजेंसी ने यूरोप में गेहूं के उत्पादन में 9.8 फीसदी की कमी की आशंका जताई है। जून में दुनिया भर में गेहूं की कीमत घटी है। शिकागो और पेरिस एक्सचेंज में इसकी कीमत 21 फीसदी और 12 फीसदी की कमी हुई है।
हाजिर और वायदा का खेल
जुलाई महीने में वायदा भाव में 2.93 प्रतिशत की बढ़ोतरी जून महीने में 3.18 प्रतिशत गिरा था गेहूंहाजिर भाव में कीमतें कमकुछ जानकार बता रहे हैं सट्टेबाजी का असर तो कुछ कह रहे है उत्पादन में कमी के अनुमान का असर (BS Hindi)
10 जुलाई 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें