नई दिल्ली July 01, 2009
अर्जेंटीना, ब्राजील व पराग्वे में सोयाबीन उत्पादन में आई गिरावट के बावजूद भारत में सोयाबीन तेल की कीमत में बढ़ोतरी की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
अर्जेंटीना में इस साल सोयाबीन उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले 26 फीसदी की गिरावट (कुल उत्पादन 340 लाख टन) आयी है तो पराग्वे व ब्राजील में क्रमश: 3 फीसदी व 40 फीसदी (कुल उत्पादन 580 लाख टन) की गिरावट दर्ज की गई है।
विश्व स्तर पर भी वर्ष 2007-08 के मुकाबले सोयाबीन के उत्पादन में 80 लाख टन की कमी आयी है। विश्व स्तर पर सोयाबीन तेल के निर्यात में पिछले साल के मुकाबले 21 फीसदी की कमी दर्ज की गयी है। कारोबारियों का कहना है कि पाम तेल के आयात में गिरावट के बाद ही सोयाबीन तेल के बाजार में तेजी दर्ज की जा सकती है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की जून माह की रिपोर्ट के मुताबिक पाम तेल के मुख्य निर्यातक इंडोनेशिया और मलेशिया के पाम तेल की बिक्री में इस साल क्रमश: 6 एवं 13 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है। और दोनों देशों ने पिछले साल के मुकाबले 27 लाख टन अधिक पाम तेल का निर्यात लक्ष्य तय किया है। इंडोनेशिया में पहली बार 1.59 करोड़ टन पाम तेल का निर्यात लक्ष्य तय किया गया है।
भारत में कच्चे पाम तेल के आयात पर कोई शुल्क न होने से हर माह 5 लाख टन से अधिक पाम तेल आयात हो रहा है। सोयाबीन ऑयल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता के मुताबिक सोया तेल के उत्पादक पिछले छह माह से कच्चे पाम तेल के आयात पर 20 फीसदी का शुल्क लगाने की मांग कर रहे हैं।
लेकिन आगामी बजट में भी शुल्क लगने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। यही वजह है कि पिछले साल 580-600 रुपये प्रति 10 किलोग्राम बिकने वाला रिफाइंड सोयाबीन तेल इस साल 480 रुपये को भी पार नहीं कर सका है। (BS Hindi)
02 जुलाई 2009
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