02 जुलाई 2009
देश में उत्पादन कम रहने से कॉफी निर्यात 21 फीसदी घटा
चालू वर्ष (जनवरी-जून) के दौरान कॉफी निर्यात करीब 21 फीसदी घटकर 1.04 लाख टन रह गया। मूल्य के लिहाज से निर्यात 19 फीसदी घटकर 1,122 करोड़ रुपये रहा। इसकी वजह वैश्विक आर्थिक संकट और उत्पादन में कमी होना है। कॉफी बोर्ड के मुताबिक चालू वर्ष के जून माह तक 1.04 लाख टन कॉफी का निर्यात हुआ है। पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 1.32 लाख टन पर था। इस दौरान 21,414 टन अरेबिका कॉफी, 59021 टन रोबस्ता कॉफी और 15504 टन इंस्टेंट कॉफी और 8074 टन प्रोसेस्ड कॉफी का निर्यात किया गया। वहीं वित्त वर्ष 2009-10 की पहली तिमाही के दौरान 50,305 टन कॉफी निर्यात हुई जो पिछली समान अवधि के मुकाबले करीब 19 फीसदी कम है। इस दौरान सबसे अधिक कॉफी का निर्यात 27,545 टन इटली को किया गया। इसके बाद 8,360 टन रूसी फेडरशन, 5861 टन बेल्जियम और 5671 टन जर्मनी को कॉफी निर्यात हुई। भारतीय कॉफी बोर्ड के चैयरमेन जी.वी. कृष्ण राव ने बिजनेस भास्कर को बताया मौसम अनुकूल न रहने के कारण सीजन 2008-09 के दौरान कॉफी उत्पादन में गिरावट आई है। कॉफी की फसल में फूल आने से पहले 2.92 लाख टन कॉफी उत्पादन का अनुमान लगाया था जो घटकर 2.62 लाख टन रहने का अनुमान है। यही कारण है कि चालू वर्ष में कॉफी निर्यात निरंतर घट रहा है।कॉफी निर्यात घटने की दूसरी वजह वैश्विक आर्थिक संकट को भी माना जा रहा है। बोर्ड चैयरमेन के अनुसार वैश्विक संकट की वजह से भारतीय कॉफी के प्रमुख आयातक देश इटली, जर्मनी, रूसी फेडरशन, बेल्जियम और स्पेन आदि देशों से मांग कम निकल रही है। इसे भी निर्यात घटने की अहम वजह माना जा रहा है।आगे निर्यात की संभावना के बारे में कृष्ण राव का कहना है कि अगले कुछ महीनों तक निर्यात में गिरावट का दौर जारी रहेगा, लेकिन वित्त वर्ष 2009-10 की अंतिम तिमाही में निर्यात सुधर सकता है। दरअसल चालू वित्त वर्ष में कॉफी उत्पादन सुधरने का अनुमान है। ऐसे में निर्यात में भी सुधार आने की उम्मीद है। उनके अनुसार चालू वित्त वर्ष के लिए फूल आने से पहले के अनुमान के मुताबिक 3.06 लाख टन कॉफी उत्पादन हो सकता है। इसमें 1.01 लाख टन अरेबिका और 2.04 लाख टन रोबस्ता कॉफी का उत्पादन होने का अनुमान है। (Business Bhaskar)
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