लंदन: वैश्विक आर्थिक चिंता के कारण सोमवार को कच्चे तेल की कीमतें 60 डॉलर से नीचे रहीं। कीमतों में गिरावट के कारण वे अपने सात सप्ताह के न्यूनतम स्तर की तरफ बढ़ रही हैं। निवेशकों के बीच आर्थिक सुधार से पहले एक और आर्थिक गिरावट की आशंका के कारण पिछले सप्ताह कच्चे तेल में 11 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। जनवरी के बाद से यह सबसे अधिक गिरावट है। अगस्त डिलीवरी का क्रूड 61 सेंट गिरकर 59.28 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। कारोबार के समय एक समय यह 1.01 डॉलर गिरकर 58.88 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था। सोसाइते जनरल में ऑयल रिसर्च के ग्लोबल हेड माइक विटनर का कहना है, 'निकट भविष्य में आर्थिक फंडामेंटल कमजोर बने रहने का अनुमान है। इस कारण सोमवार को तो कच्चे तेल में गिरावट देखी जा रही है।
का यह दौर मंगलवार को भी जारी रह सकता है।' विटनर ने बताया कि अमेरिकी लाइट क्रूड का टारगेट 55 डॉलर प्रति बैरल का है और दबाव के कारण कीमतें 50 डॉलर तक जा सकती हैं। सिंगापुर में एमएफ ग्लोबल के स्टेटजिस्ट डेनियल लियू का कहना है कि स्पष्ट है कि जून में कीमतों में आई तेजी समाप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि कीमतों में अभी और गिरावट आएगी और यह 55 डॉलर तक जा सकता है।' पिछली तिमाही में तेल की कीमतों में 40 फीसदी की तेजी देखने को मिली थी और तेल आठ महीने के अपने उच्चतम स्तर 73 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था। बीएनपी पारिबा के विशेषज्ञों का कहना है कि बाहरी कारणों के कारण शॉर्ट टर्म में तेल की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है। इसमें कमजोर अमेरिकी डॉलर और इक्विटी के बढ़ने का अहम योगदान होगा। बीएनपी के हैरी चिलिंगुरियन ने एक रिपोर्ट में कहा है, 'ध्यान एक बार फिर से फंडामेंटल पर केन्दित हो गए हैं, लेकिन अभी ये कमजोर हैं।' (Et Hindi)
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