03 जुलाई 2009
विदेश में भाव गिरने से जून में कॉटन निर्यात 32प्रतिशत घटा
मई के मुकाबले जून महीने में देश से कॉटन के निर्यात में 32.6 फीसदी की गिरावट आई है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार जून महीने में कॉटन निर्यात के लिए 364,235 गांठ (एक गांठ 170 किलो) का रजिस्ट्रेशन ही हुआ है जबकि मई महीने में 541,086 गांठ का रजिस्ट्रेशन हुआ था। घरेलू बाजार में भाव ऊंचे होने के साथ ही चीन की मांग कमजोर होने से निर्यात में गिरावट आई है।सूत्रों के अनुसार टैक्सटाइल कमिश्नर के आफिस में जून महीने में कॉटन निर्यात के लिए 364,235 गांठों का रजिस्ट्रेशन हुआ है जबकि 92,071 गांठ की शिपमेंट हुई। मई महीने में देश से 541,086 गांठ का रजिस्ट्रेशन हुआ था तथा 256,552 गांठ की शिपमेंट हुई थी। चालू कपास सीजन में पिछले साल अगस्त से इस साल जून के दौरान कॉटन निर्यात के लिए कुल 31.95 लाख गांठ के सौदे पंजीकृत हुए हैं तथा इसमें से मात्र 22.88 लाख गांठ की ही शिपमेंट हुई है। मालूम हो कि पिछले कपास सीजन में भारत से लगभग 85 लाख गांठ कपास का निर्यात हुआ था। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन की कीमतों में पिछले आठ-दस दिनों में सुधार आया है लेकिन निर्यातकों को पड़ते कम लग रहे हैं। न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में कॉटन के जुलाई वायदा में इस दौरान करीब 4.3 फीसदी की तेजी आई है जबकि कॉटलुक इंडेक्स में लगभग 2.8 फीसदी भाव बढ़ गए हैं। घरेलू बाजार में शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव 23,100- 23,300 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी 356 किलो) पर स्थिर बने हुए हैं। न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में कॉटन के जुलाई वायदा के भाव 51.10 सेंट से बढ़कर 53.30 सेंट प्रति पाउंड हो गए जबकि कॉटलुक इंडेक्स में इस दौरान भाव 59.15 सेंट से बढ़कर 60.85 सेंट प्रति पाउंड हो गए। अबोहर स्थित मैसर्स कमल कॉटन ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर राकेश राठी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि घरेलू बाजार में भाव तेज होने के कारण निर्यातकों को पड़ते नहीं लग रहे हैं। अगर विदेशी बाजार में मौजूदा भाव और आठ-दस फीसदी बढ़े तो निर्यात पड़ते लगने की संभावना है। घरेलू मंडियों में अभी तक कॉटन की कुल आवक में करीब नौ फीसदी की कमी आई है। कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) के मुताबिक 284.20 लाख गांठ की आवक हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 312.10 लाख गांठ की आवक हुई थी। उत्तर भारत के प्रमुख उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में अभी तक 39.15 लाख गांठ की ही आवक हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 47 लाख गांठ की आवक हुई थी। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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