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03 जुलाई 2009

खराब मौसम से इलायची की पैदावार में कमी की आशंका

प्रतिकूल मौसम से अगस्त महीने में आने वाली इलायची की नई फसल की पैदावार में कमी आने की आशंका है। अप्रैल, मई और जून महीने में प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बारिश सामान्य से कम हुई है। ऐसे में पैदावार में तो 12 से 16 फीसदी कमी आने की संभावना है ही, साथ ही फसल भी 15-20 दिन लेट आएगी। ग्वाटेमाला में नई फसल की आवक अक्टूबर-नवंबर महीने में बनेगी इसलिए अगस्त के मध्य से पहले इलायची की मौजूदा कीमतों में गिरावट की संभावना नहीं है।इलायची ग्रोवर्स एसोसिएशन के सचिव के. के. देवसिया ने बिजनेस भास्कर को बताया कि अप्रैल, मई और जून महीने में उत्पादक राज्यों केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में सामान्य से काफी कम बारिश हुई थी। जिसका असर नई फसल की पैदावार पर पड़ेगा। पिछले साल देश में 12,000 टन इलायची का उत्पादन हुआ था लेकिन अभी तक की स्थिति को देखते हुए उत्पादन घटकर 10,000 से 10,500 टन ही रहने की संभावना है। पंद्रह जुलाई के बाद त्यौहारी सीजन शुरू हो जाता है इसलिए घरेलू मांग भी बढ़ेगी जबकि नई फसल की आवक जुलाई के आखिर में शुरू होगी। बोल्ड क्वालिटी के माल की आवक अगस्त मध्य में बनेगी। इसलिए पंद्रह अगस्त से पहले इलायची की मौजूदा कीमतों में गिरावट की संभावना नहीं है। मुंबई स्थित इलायची के निर्यातक मूलचंद रुबारल ने बताया कि इस समय खाड़ी देशों की अच्छी मांग बनी हुई है। भारतीय इलायची के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़कर 15 से 19 डॉलर प्रति किलो हो गए हैं। जबकि ग्वाटेमाला की इलायची के भाव 11 से 14 डॉलर प्रति किलो पर बोले जा रहे हैं। भारतीय इलायची की क्वालिटी ग्वाटेमाला के मुकाबले अच्छी होने के कारण मांग ज्यादा निकल रही है। ग्वाटेमाला में नई फसल की आवक अक्टूबर-नवंबर महीने में बनेगी। अगस्त के मध्य में रमजान शुरू हो जाएंगे। जबकि रमजान में खाड़ी देशों की मांग इलायची में बढ़ जाती है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों अप्रैल और मई में 160 टन इलायची का निर्यात हुआ है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले दोगुना है। बीते वर्ष की समान अवधि में मात्र 80 टन का ही निर्यात हुआ था।केरल की कुमली मंडी में स्थित मैसर्स अग्रवाल स्पाइसेज के प्रोपराइटर अरुण अग्रवाल ने बताया कि नीलामी केंद्रों पर इलायची की आवक समाप्त हो चुकी है तथा स्टॉकिस्टों की बिकवाली भी कम आ रही है। इसीलिए 6.5 एमएम इलायची के भाव लगभग दस फीसदी बढ़कर 720 से 730 रुपये, 7 एमएम के भाव 780 से 790 रुपये, 7.5 एमएम के 830 से 840 रुपये और 8 एमएम इलायची के भाव 860 से 880 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। मालूम हो कि मई महीने में 6.5 एमएम इलायची के भाव 590 से 600 रुपये, 7 एमएम के भाव 620 से 630 रुपये, 7.5 एमएम के 680 से 700 रुपये और 8 एमएम क्वालिटी के भाव 620 से 740 रुपये प्रति किलो थे। उत्पादक क्षेत्रों में बकाया स्टॉक कमजोर से भी स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आ रही है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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