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14 जुलाई 2009

सोयाबीन, बाजरा के दाम घटने से पोल्ट्री फीड 15 फीसदी सस्ता

पिछले एक माह में सोयाबीन और बाजरा सस्ता होने से पोल्ट्री फीड के दाम 15 फीसदी घटकर 17 रुपये प्रति किलो रह गए है। कारोबारियों के मुताबिक फीड की मांग कमजोर पड़ने के कारण भी इसकी कीमतों में गिरावट आई है। उनके अनुसार आगे इसकी कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। राजा फेट एंड फीड प्राइवेट लिमिटेड के मालिक मोहित राजा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि पिछले एक माह के दौरान पोल्ट्री फीड के दाम 20 रुपये से घटकर 17 रुपये प्रति किलो रह गए है। इसकी वजह सोयाबीन, मक्का और बाजरा के मूल्यों में गिरावट आना है। इंदौर के सोयाबीन कारोबारी कुनाल शाह ने बताया कि सोया खली की अंतरराष्ट्रीय मांग घटने और घरेलू बाजार में रिफाइंड सोया तेल के दाम कम होने के कारण घरेलू बाजार में एक माह के दौरान सोयाबीन के भाव 2550-2600 रुपये से घटकर 2200-2250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए है। बाजरा के दाम भी इस दौरान 900 रुपये से घटकर 835 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। वहीं मक्का की कीमतें 980 रुपये से घटकर 940 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। दिल्ली के मक्का कारोबारी राजेश अग्रवाल ने बताया कि पिछले एक माह के दौरान इसकी कीमतों में मांग कमजोर पड़ने से गिरावट आई है। हालांकि पिछले एक सप्ताह में इसके मूल्यों हल्का इजाफा हुआ है। कारोबारियों के अनुसार पोल्ट्री फीड के मूल्यों में गिरावट की दूसरी वजह मांग में कमी आना भी है। दीपक पोल्ट्री फॉर्म रोहतक हरियाणा के मालिक संदीप सिंह का कहना है कि गर्मियों के दौरान पोल्ट्री उत्पादों की खपत घटने से फीड की मांग कम रहती है। यही कारण है कि फीड के भाव में गिरावट दर्ज की गई है। गर्मियों में पोल्ट्री फीड की खपत घटने के कारण पोल्ट्री फार्म वाले इन उत्पादों के उत्पादन में कटौती कर देते है। खरीफ सीजन की बुआई देर से होने के प्रभाव में फीड की कीमतों में तेजी आ सकती है। राजेश अग्रवाल ने बताया कि मक्का की कीमतों में आगे 20 रुपये प्रति क्विंटल तक का इजाफा हो सकता है। बाजरा के दाम भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।उल्लेखनीय है कि बीते महीनों में सोयाबीन, मक्का, बाजरा के महंगा होने के कारण फीड की कीमतों में भारी इजाफा हुआ था। इसके दाम मई माह के दौरान बढ़कर 22-23 रुपये प्रति किलो चले गए थे। इस दौरान सोयाबीन के दाम 2600 रुपये, बाजरा 1000 रुपये प्रति क्विंटल और मक्का के दाम भी 1000 रुपये प्रति क्विंटल के ऊपर चले गए थे। फीड बनाने में सबसे अधिक करीब 50-60 फीसदी मक्का, 20-30 फीसदी सोया का उपयोग किया जाता है। बाकी ऑयल, दवा और अन्य अनाज खासतौर पर बाजरा आदि का उपयोग किया जाता है। (Business Bhaskar)

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