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14 जुलाई 2009

कालीमिर्च का आयात बढ़ा, घरेलू बाजार में भाव गिर

वैव्श्रिक बाजार में भाव गिरने की वजह से इस साल अप्रैल-मई के दौरान काली मिर्च के आयात में करीब 14 फीसदी का इजाफा हुआ है। मसाला बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान यहां करीब 2,500 टन कालीमिर्च का आयात हुआ है। आल इंडिया स्पाइस एक्सपोर्ट फोरम के उपाध्यक्ष जोजन मालाइल के मुताबिक वैव्श्रिक बाजार में भाव घटने से आयात बढ़ा है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय मे ेघरल बाजार में तुलनात्मक रुप से कालीमिर्च के भाव तेज है। ऐसे में आयातकों को मोटी आमदनी हो रही है। गौरतलब है कि वैव्श्रिक स्तर पर भारत वियतनाम के बाद काली मिर्च का दुसरा बड़ा उत्पादक देश है। मसाला बोर्ड के मुताबिक पिछले साल अप्रैल-मई के दौरान यहां करीब 2,200 टन काली मिर्च का आयात हुआ था। इंडिया इंफोलाइन के एनॉलिस्ट प्रणव मीर के मुताबिक मौजूदा समय में श्रीलंका से ज्यादा कालीमिर्च का आयात हो रहा है। क्योंकि तुलनात्मक रुप से वहां कीमतें कम हैं। वैव्श्रिक बाजार में भारतीय कालीमिर्च का भाव करीब 2650-2700 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) है। वहीं श्रीलंका की कालीमिर्च का भाव करीब 2,400 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) है। जानकारों का मानना है कि आयातित काली मिर्च घरलू बाजार में पहुंचने से पिछले कुछ महीनों के दौरान इसके भाव में गिरावट आई है। पिछले दस सप्ताहों के दौरान कोच्चि में कालीमिर्च का भाव करीब 826 रुपये घटकर 12,531 रुपये प्रति क्विंटल (2,550 डॉलर प्रति टन) रह गया है। जानकारों का मानना है कि आगामी सीजन में पैदावार बढ़ने से आने वाले महीनों में इसके भाव में और गिरावट आ सकती है। वैव्श्रिक मसाला निर्यात में भारत की हिस्सेदारी करीब 45 फीसदी की है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश में करीब 10,750 टन कालीमिर्च का आयात हुआ था। (Business Bhaskar)

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