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01 जून 2010

सोयाबीन की आवक से दाम गिरे

भोपाल May 31, 2010
सोयाबीन की कीमतों में पिछले वर्ष की तुलना में काफी कमी देखी जा रही है।
पिछले वर्ष के इसी महीने में सोयाबीन की प्रति क्विंटल कीमत 2500 रुपये थी जबकि इस वर्ष सोयाबीन की कीमतों में 500 से 600 रुपये प्रति क्विंटल की कमी आ गई है। जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में सोयाबीन के दाम प्रति क्विंटल 500 से 700 रुपये और नीचे जा सकते हैं।
कीमतों में कमी का कारण सोयाबीन की अच्छी आवक तथा सोयाबीन के तेल और पाम तेल का शुल्क मुक्त आयात होना है। इसके अलावा विदेशों में देश की तुलना में सस्ते दाम पर सोयाबीन की खली की उपलब्धता को भी दाम कम होने का कारण बताया जा रहा है।
देश भर का लगभग 85 फीसदी सोया उत्पादन मध्य प्रदेश में ही किया जाता है। कुछ वर्षों की तुलना में इस बार सोयाबीन का उत्पादन काफी अच्छा रहा है। देशभर में अभी तक 2009-10 सत्र में कुल 85 से 95 लाख टन सोया की उपलब्धता है। इसमें से लगभग 65 से 75 लाख टन सोया की आवक प्रदेश में है।
जानकारों को शेष बचे हुए समय में लगभग 30 लाख टन सोया की और आवक होने की उम्मीद है। आवक बढ़ने के कारण ही सोयाबीन के दामों में भारी कमी देखने को मिल रही है। वर्तमान में सोयाबीन की कीमत 1800 रुपये से लेकर 2000 रुपये के आस-पास है।
इसके अलावा सोयाबीन की खली की देश से मांग में भी कमी दर्ज की जा रही है। इसका कारण अमेरिका खास तौर से दक्षिणी अमेरिका से सोयाबीन की खली की मांग का सस्ते में पूरा किया जाना है। उल्लेखनीय है कि सोयाबीन से बनने वाली खली की विदेशों से काफी मांग आती है। हालांकि इस बार यह मांग आयातक देशों द्वारा दूसरे देशों से पूरी कर ली गयी है।
दूसरे देशों में सोयाबीन की खली पर व्यापारियों को माल ढुलाई के बाद भी लगभग 2000 रुपये से लेकर 2500 रुपये तक लाभ हो रहा है। इस संबंध में भारतीय सोयाबीन प्रोसेसर्स संघ (सोपा) के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस वर्ष सोयाबीन का उत्पादन काफी अच्छा रहा है। इसके कारण बाजार में सोयाबीन की आवक अधिक हो रही है। हालाकि सोयाबीन की मांग कम होने के कारण इसकी कीमतों पर दबाव बना हुआ है।
विदेशों में सोयाबीन की खली की कम होती मांग ने भी सोयाबीन के दाम में कमी कर रखी है। सरकार द्वारा पाम तेल और सोयाबीन के तेल पर आयात शुल्क शुन्य करने से भी सोयाबीन की कीमतों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। सोयाबीन कारोबारी रमाकांत तिवारी ने बताया कि पिछले 2-3 महीनों में सोयाबीन के दामों में बहुत अधिक चढ़ाव देखने को नहीं मिला है।
देश में मानसून समय पर आने की उम्मीद जतायी जा रही है। 15 जून के आस-पास मानसून ठीक से आने पर सोयाबीन के दामों में प्रति क्विंटल 500 से 700 रुपये की और कमी आने की उम्मीद है।
आवक जारी है.....
30 लाख टन अतिरिक्त आवक की उम्मीद हैसमय से मानसून आने पर और कम होगी कीमतेंपिछले सालों की तुलना में 500 से 600 रुपये की आई गिरावट (बीएस हिंदी)

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