25 जनवरी 2010
इन्वेंट्री बढ़ने से निकिल के दाम तीन फीसदी घटे
निकिल की इन्वेंट्री बढ़ने की वजह से इसकी कीमतों में तीन फीसदी से अधिक की गिरावट आ चुकी हैं। कारोबारियों के मुताबिक आने वाले दिनों में इसके मूल्यों में फिर से तेजी के आसार हैं। वहीं पिछले साल निकिल के उत्पादन और खपत में कमी आई हैं। निकिल कारोबारी रमेश चंद गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई)में निकिल के दाम घटने की वजह से घरेलू बाजार में इसके 880 रुपये से घटकर 855 रुपये प्रति किलो रह गए। वहीं एलएमई में इसके दाम 18,870 डॉलर से गिरकर 18,855 डॉलर प्रति टन पर आ गए हैं। एंजिल ब्रोकिंग के मेटल विश्लेषक अनुज गुप्ता ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में एलएमई में निकिल की इन्वेंट्री करीब 15,000 टन बढ़कर 162,270 टन हो गई है। इस वजह से एलएमई में इसके दाम घटे हैं। एलएमई बढ़ने की वजह चीन सहित अन्य देशों द्वारा अधिक आयात करना हैं। इसके अलावा डॉलर के यूरो के मुकाबले मजबूत होने से भी इसकी कीमतों में गिरावट को बल मिला है। उधर आने वाले दिनों में इसके मूल्यों में फिर से वृद्धि होने की संभावना है। गुप्ता के मुताबिक आस्ट्रेलिया और कनाडा की खदानों में श्रमिकों की हड़ताल चल रही है। जिससे निकिल के दाम बढ़ सकते हैं। साथ चालू वर्ष में मांग बेहतर रहने के कारण भी कीमतों में तेजी के आसार हैं। इंटरनेशनल निकिल स्टडी ग्रुप (आईएनएसजी) के अनुसार वैश्विक आर्थिक हालात सुधरने से चीन, कोरिया, ताईवान में स्टेनलैस स्टील के उत्पादन में सुधार होने लगा है। जिससे चालू वर्ष में इसकी मांग और उत्पादन में बढ़ोतरी होने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2010 के दौरान रिफाइंड निकिल का वैश्विक उत्पादन 12।8 लाख टन से बढ़कर 14.4 लाख टन और प्राइमरी निकिल का वैश्विक उपयोग पिछले साल के 12.1 लाख से बढ़कर 13.5 लाख टन होने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि बीते साल दुनिया भर में आए आर्थिक संकट की वजह से सभी बेसमेटल के साथ निकिल की मांग में भारी कमी आई थी। पिछले साल वर्ष मुकाबले उत्पादन में सात और खपत में छह फीसदी की गिरावट आई है। निकिल की सबसे अधिक खपत स्टेनलैस स्टील में 65 फीसदी, इलैक्ट्रोप्लेटिंग में आठ फीसदी, केमिकल में पांच फीसदी और अन्य उत्पादन में 22 फीसदी होती है। इसका सबसे अधिक उत्पादन यूरोप में 34 फीसदी में होता है। इसके बाद एशिया में 29 फीसदी, अमेरिका में 23 फीसदी, अफ्रीका में चार फीसदी और ओसेनिया में 11 फीसदी उत्पादन होता है।बात पते कीआने वाले दिनों में निकिल के मूल्यों में फिर से वृद्धि होने की संभावना है। आस्ट्रेलिया और कनाडा की खदानों में श्रमिकों की हड़ताल चल रही है। जिससे निकिल के दाम बढ़ सकते हैं। चालू वर्ष में मांग बेहतर रहने के कारण भी कीमतों में तेजी के आसार हैं। (बिज़नस भास्कर)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें