23 जनवरी 2010
फूल निर्यातकों के लिए गुलाबी नहीं होगा वैलेंटाइन डे
अहमदाबाद : इस साल वैलेंटाइन डे रविवार को पड़ने से फूल निर्यातकों के चेहरे मुरझाए हुए हैं। इसका एकमात्र कारण है, उस दिन स्कूल-कॉलेजों और कॉरपोरेट ऑफिसों का बंद रहना। इसके चलते कारोबारियों को फूलों की मांग में 15 फीसदी कमी की आशंका सताने लगी है। इंडियन सोसायटी ऑफ फ्लोरीकल्चर प्रोफेशनल्स (आईएसएफपी) के मुताबिक, एक अनुमान के तौर पर 14 फरवरी से पहले भारत से 3.5 करोड़ फूलों का निर्यात होगा। आईएसएफपी के प्रेसिडेंट प्रवीण शर्मा ने बताया, 'एक से 9 फरवरी तक हॉलैंड और ब्रिटेन जैसे देशों के लिए शिपमेंट शुरू हो जाएगी। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात जैसे पश्चिम एशियाई देशों में शिपमेंट थोड़ी देर से 11 और 12 फरवरी को भेजी जाएगी।' उन्होंने बताया, 'इस बार माहौल ज्यादा गुलाबी नहीं है। पिछले साल की तुलना में इस बार भारत से होने वाले फूलों के निर्यात में 15 फीसदी की कमी आने का अनुमान है। इसका एकमात्र कारण यह है कि इस बार वैलेंटाइन डे रविवार को पड़ रहा है। दो दशकों से यह देखा जा रहा है ऐसा जब भी होता है, फूलों की मांग कम जाती है।' शर्मा ने बताया, 'पिछले साल भी वैलेंटाइन डे शनिवार को पड़ा था और इस कारण निर्यात में 10 फीसदी की गिरावट आई थी।' शर्मा पुणे की फ्लोरा कंसल्टेंट्स के मुख्य सलाहकार भी हैं। उन्होंने बताया, 'कॉलेज छात्रों और कॉरपोरेट उपभोक्ताओं की ओर से फूलों की मांग में कमी को देखते हुए भारत से फूल मंगाकर बिक्री करने वाली ब्रिटेन की टेस्को पीएलसी, इंटरग्रीन लिमिटेड, र्वल्ड फ्लावर्स जैसी प्रमुख रीटेल चेन कंपनियों की बिक्री में कमी आई है।' आईएसएफपी के अनुमान के मुताबिक, इस बार वैलेंटाइन डे के मौके पर देश के दो बड़े शहरों मुंबई और बंगलुरु से 1.5 करोड़ और 2.0 करोड़ फूलों के डंठलों का निर्यात होगा। मौजूदा समय में वैश्विक स्तर पर फूलों का कुल 11 अरब डॉलर का कारोबार है। इसमें भारत की भागीदारी 0.65 फीसदी है। (ई टी हिन्दी)
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