28 जनवरी 2010
बीटी बैंगन को तुरंत मंजूरी देने की मांग उठाई वैज्ञानिकों ने
बंगलुरू बायोटैक्नालॉजी वैज्ञानिकों के एक संगठन ने केंद्र सरकार से अपील की है कि और देरी किए बगैर बीटी बैंगन की व्यावसायिक खेती की मंजूरी दी जानी चाहिए। इससे भारतीय किसानों और उपभोक्ताओं को लाभ होगा। फाउंडेशन फॉर बायोटैक्नालॉजी अवेयरनैस एंड एजूकेशन के एक्जीक्यूटिव सैक्रेटरी प्रो। सी. कुमेश्वर राव ने संवाददाताओं से कहा कि बीटी बैंगन की व्यावसायिक खेती की मंजूरी में और देरी होने से इसकी चोरी-छिपे खेती होने लगेगी। बीटी कॉटन के मामले में गुजरात में ऐसी ही हुआ था। बीटी फसलों की चोरी-छिपे खेती देश के हित में नहीं होगी। फाउंडेशन ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री जयराम रमेश को पत्र भेजकर इस मसले को उठाया है। बीटी बैंगन का कानूनी प्रावधान के अनुसार खेती, उसके आर्थिक पहलू और जैव सुरक्षा के लिहाज से परीक्षण हो चुका है। इस प्रक्रिया में 15 सार्वजनिक और निजी संस्थानों के करीब 200 वैज्ञानिक शामिल थे। फाउंडेशन ने पत्र में लिखा है कि वैज्ञानिकों की सामूहिक बुद्धिमत्ता का सम्मान किया जाना चाहिए और निहित स्वार्थो के चलते कुछ तत्वों द्वारा इस मुद्दे को हवा देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। (प्रेट्र)
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