मुंबई January 12, 2010
उत्तर प्रदेश के चीनी मिल मालिकों ने महाराष्ट्र चीनी संघ के ब्राजील से आयातित कच्ची चीनी खरीदने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
दरअसल वे लोग आयातित चीनी का भाव अभी और बढ़ने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इसी बीच उनके इस फैसले से खुले बाजार में चीनी के दाम और बढ़ सकते हैं। प्रकाश नाइकनवारे के नेतृत्व में सहकारी चीनी मिलों के महाराष्ट्र राज्य संघ ने 15 दिन पहले उत्तर प्रदेश के करीब 9 मिल मालिकों को मुंबई बंदरगाह और जेएनपीटी पर पड़ी 20 लाख टन कच्ची चीनी खरीदने के लिए प्रस्ताव भेजा था।
उन्होंने कहा कि यह चीनी महाराष्ट्र की रिफाइनरियों को 75:25 के पारिश्रमिक आधार पर बेची जा सकती है। चीनी संघ के प्रबंध निदेशक ने आयातकर्ता मिलों को मुनाफे का 75 फीसदी देने का प्रस्ताव दिया था। जबकि महाराष्ट्र की रिफाइनरियों को मुनाफे का 25 फीसदी देने की बात कही गई थी।
बिजनेस स्टैंडर्ड से की गई बातचीत में बगैर उन कंपनियों का नाम लिए हुए नाइकनवारे ने बताया कि अब यह कंपनियां 730 डॉलर प्रति टन के हिसाब से भी कच्ची आयातित चीनी बेचने को तैयार नहीं हैं जबकि उन्होंने 400-450 डॉलर प्रति टन के हिसाब से कच्ची चीनी का आयात किया था।
उन्होंने बताया, 'यह कंपनियां कच्ची चीनी के दाम 800 डॉलर प्रति टन तक पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं।' चीनी आयात करने वाली कंपनियों ने आयातित चीनी को एसआईएलओ यानी मुंबई पोर्ट के गोदाम में रखा हुआ है, इस गोदाम में चीनी की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बजाज हिंदुस्तान, सिंभावली शुगर्स जैसी कंपनियां उत्तर प्रदेश में कच्ची चीनी का आयात करती हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में कच्ची चीनी के आयात पर रोक लगा दी है। इसके बाद से ही आयातित चीनी बंदरगाहों के गोदामों में रखी हुई है। हालांकि केंद्र सरकार ने खासी कोशिश की कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने फैसले को पलट दे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
महाराष्ट्र की सहकारी चीनी मिलों को उम्मीद है कि इस सीजन के अंत तक राज्य में चीनी उत्पादन करीब 48 लाख टन के आसपास पहुंच जाएगा। इसीलिए यह मिलें कच्ची चीनी का उपयोग कर राज्य के उत्पादन को बढ़ाना चाहती थी। बाजार में चीनी की कमी के कारण इसके खुदरा दाम 42-43 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं।
खाद्य मंत्री शरद पवार ने आशंका जताई है कि चीनी के दाम 50 रुपये प्रति किलोग्राम तक भी पहुंच सकते हैं। पिछले एक साल के दौरान चीनी के दाम तीन गुना बढ़े हैं। इस साल देश में चीनी का कुल उत्पादन करीब 160 लाख टन रहने की उम्मीद है जबकि इसकी मांग 235 लाख टन रहेगी।
पिछले साल देश में करीब 147 लाख टन चीनी की खपत हुई थी। नाइकनावरे ने कहा कि इस समय गन्ने की आपूर्ति कम है और ऐसी सूरत में इस उद्योग की वित्तीय हालत अच्छी रखना बेहद जरूरी है।
अभी चीनी कम
महाराष्ट्र राज्य सहकारी चीनी मिल संघ ने यूपी के मिल मालिकों से कहा था कच्ची चीनी बेचने को यूपी के मिल मालिकों ने ठुकराया महाराष्ट्र राज्य संघ का प्रस्ताव800 डॉलर प्रति टन के दाम पर बेच सकते हैं चीनी इस कदम के बाद और बढ़ सकते हैं चीनी के दामदेश में चीनी उत्पादन रहेगा 160 लाख टन (बीएस हिन्दी)
12 जनवरी 2010
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