रुपये की मजबूती और घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ने से आयातकों को लाभ
नई दिल्ली January 09, 2010
चीनी की कीमतों में हालिया वृद्धि और रुपये की मजबूती से चीनी का आयात एक बार फिर लाभकारी बन गया है।
एक अनुमान के मुताबिक पिछले दो हफ्तों में करीब 4 लाख टन कच्ची और रिफाइंड चीनी का अनुबंध हो चुका है। आयातित और घरेलू चीनी की कीमतें लगभग समान हो जाने से पिछले दो महीनों से इसका आयात ठप पड़ा था।
चीनी का एक्स मिल भाव (महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में) पिछले दो हफ्तों में 15-20 फीसदी बढ़कर 4,000 से 4,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इसी वक्त डॉलर की तुलना में रुपया 2 फीसदी मजूबत हुआ है। इससे चीनी का आयात फिर से लाभप्रद हो गया है।
उद्योग सूत्रों के मुताबिक आयात के लिए करीब 2 लाख टन कच्ची चीनी का अनुबंध किया गया है। ज्यादातर करार दक्षिण भारत की मिलों ने किए हैं। इसके अलावा 2 लाख टन रिफाइंड चीनी के आयात के करार सरकारी एजेंसियों ने किए हैं। कच्ची चीनी का आयात मूल्य करीब 3,250 रुपये तो रिफाइंड चीनी का 3,850 रुपये प्रति क्विंटल होगा।
कोऑपरेटिव चीनी मिलों के राष्ट्रीय महासंघ के प्रबंध निदेशक विनय कुमार ने बताया, 'मौजूदा मूल्य स्तर पर चीनी का आयात फिर से लाभकारी हो गया है। आयात के कुछ अनुबंध हाल में किए गए हैं।' हालांकि कारोबारी संशय में हैं कि क्या चीनी इसी स्तर पर बनी रहेगी।
एक कारोबारी के मुताबिक, 'मौजूदा मूल्य अप्रत्याशित हैं। इसके चलते हम आशंकित है कि महंगाई नियंत्रित करने के लिए सरकार हस्तक्षेप कर सकती है।' गौरतलब है कि देश में चीनी उत्पादन में कमी के चलते केंद्र सरकार ने कच्ची चीनी के शुल्क मुक्त आयात की मंजूरी दे रखी है।
सितंबर 2009 में खत्म 2008-09 चीनी सीजन में घरेलू चीनी का उत्पादन 42 फीसदी गिरकर 1.5 करोड़ टन रह गया। इस वजह से चीनी के दाम दोगुने से ज्यादा हो गए। फिलहाल चीनी खुदरा में 45-46 रुपये किलोग्राम बिक रही है। उद्योग का अनुमान है कि मौजूदा सीजन में देश में 57 करोड़ टन आयातित चीनी उपलब्ध होगी। चीनी का घरेलू उत्पादन 1.6 करोड़ टन से कुछ कम रहने की उम्मीद है।
एक कारोबारी के मुताबिक, 'मौजूदा सीजन की शुरुआत में 13 लाख टन कच्ची आयातित चीनी और 1 लाख टन आयातित रिफाइंड चीनी का भंडार था। तब से अब तक 18 लाख टन कच्ची और 3 लाख टन रिफाइंड चीनी आयात हो चुकी है। उम्मीद है सितंबर तक 16 लाख टन कच्ची और 5 लाख टन रिफाइंड चीनी का आयात हो जाएगा।'
खरीद ने पकड़ी रफ्तार
पिछले दो सप्ताह में करीब 4 लाख टन कच्ची और रिफाइंड चीनी आयात के लिए अनुबंध हो चुका हैआयातित और घरेलू चीनी की दरें समान होने से 2 माह से आयात ठप था2 लाख टन कच्ची चीनी आयात का अनुबंध दक्षिण भारत की मिलों ने (बीएसहिन्दी)
11 जनवरी 2010
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