14 जनवरी 2010
पवार ने बुलाई चीनी उद्यमियों की बैठक
कृषि मंत्री शरद पवार ने अगले सप्ताह उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के चीनी मिल मालिकों की बैठक बुलाई है। खाद्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार बैठक में चीनी की उपलब्धता और सप्लाई सुगम बनाने पर विचार किया जाएगा, ताकि चीनी की बेलगाम हो रही कीमतों पर लगाम लग सके।इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चालू पेराई सीजन अक्टूबर से दिसंबर तक देश में चीनी का उत्पादन 59।05 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक 60.42 लाख टन का उत्पादन हुआ था। चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में उत्पादन बढ़कर 22 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक 20.95 लाख टन का हुआ था। चीनी उत्पादन में देश के दूसरे अग्रणी राज्य उत्तर प्रदेश में पेराई देरी से शुरू होने के कारण सिर्फ 15.69 लाख टन उत्पादन ही हुआ है। पिछले साल इस समय तक 17.49 लाख टन उत्पादन हुआ था। अन्य उत्पादक राज्यों कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 8.77 लाख टन हो चुका है जो कि पिछले साल की समान अवधि के 9.60 लाख टन से कम है। गुजरात में चीनी का उत्पादन पिछले साल के 4.48 लाख टन के मुकाबले 4.5 लाख टन का हो चुका है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयातित रॉ-शुगर के आयात पर रोक लगाने के कारण करीब 9 लाख टन चीनी बंदरगाह पर अटकी हुई है। इसकी खरीद में महाराष्ट्र की मिलों ने रुचि दिखाई थी। इसकी खरीद मिलों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार से 510-535 डॉलर प्रति टन की दर से की थी जबकि इस समय भाव 700 डॉलर प्रति टन से ऊपर बने हुए हैं। महाराष्ट्र की मिलें एक फॉमरूला बनाकर प्रोसेसिंग करने की इच्छुक हैं जिसमें दोनों राज्यों की मिलों को फायदा हो लेकिन उत्तर प्रदेश की मिलों ने वर्तमान भाव पर बेचने की पेशकश ही है। महाराष्ट्र की मिलों को यह पेशकश मंजूर नहीं है। फॉमरूला में आयातक चीनी मिलों 75 फीसदी मुनाफा देने की पेशकश है जबकि 25 फीसदी लाभ रिफाइनिंग करने वाली महाराष्ट्र की मिले लेना चाहती हैं। पिछले दो दिनों में चीनी की कीमतों में 280 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। बुधवार को एक्स-फैक्ट्री चीनी के दाम घटकर 3990-4000 रुपये और दिल्ली थोक बाजार में भाव 4120 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। (बिज़नस भास्कर)
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