मुंबई January 22, 2010
सोने की कीमतों में तेजी 2010 में भी जारी रह सकती है।
कीमतों में तेजी का अनुमान विकसित देशों में आर्थिक सुधार और महंगाई दर बढ़ने की वजह से लगाया जा रहा है। महंगाई दर बढ़ने के दौर में निवेशक सोने में निवेश को सुरक्षित मानते हैं।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है, 'सोने में निवेशकों की बढ़ती संख्या से कीमतों की स्थिरता को लेकर चिंता है। 2008 में बाजार में बड़े पैमाने पर मुद्रा पहुंची। इसकी वजह से मुद्रास्फीति बढ़ने का दबाव है। जो निवेशक उच्च महंगाई दर की संभावना को नकारते हैं, वे डॉलर के प्रति सशंकित हैं।'
2009 के अंत में सोने की कीमतें बढ़कर 1087 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गईं, जो 2008 के अंत में 869 डॉलर प्रति औंस पर थीं। इस दौरान कीमतों में 25 प्रतिशत की तेजी देखी गई। 2009 में सोने की कीमतों को समर्थन कई वजहों से मिला। पहली वजह सुरक्षित निवेश रही। खासकर साल की पहली छमाही में।
दूसरा कारण यह रहा कि डॉलर की कीमतों में गिरावट की वजह से निवेशक सोने की ओर आकर्षित हुए, जिससे महंगाई दर बढ़ने का खतरा था। अंत में पश्चिमी देशों के रिजर्व बैंकों ने फंड प्रबंधन की रणनीति के तहत सोने की बिक्री कम कर दी और विकसित देशों के बैंकों ने सोने की खरीदारी की।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार, खासकर भारत और चीन जैसे देशों में सुधार की वजह से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। इससे आभूषण की मांग बढ़ने की उम्मीद है। 2009 में सोने में आई तेजी में आभूषण कारोबार की भूमिका नहीं थी। (बीएस हिन्दी_
23 जनवरी 2010
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