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08 जनवरी 2010

घरेलू के साथ वैश्विक बाजारों में भी चीनी शिखर पर

नई दिल्ली/लंदन January 07, 2010
चीनी नए रिकॉर्ड की ओर बढ़ रही है। दस दिनों के दौरान चीनी की थोक कीमत में 40 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
गत ढाई महीने की कीमत देखें तो यह बढ़ोतरी 70 फीसदी से अधिक की है। गुरुवार को थोक बाजार में चीनी की कीमत 44 रुपये प्रति किलो रही। गत अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में चीनी की कीमत 26 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
भारत में चीनी की बढ़ती कीमतों के साथ वैश्विक कीमतों में भी तेजी का रुख है। लंदन में सफेद चीनी की बेंचमार्क वायदा दरें शुरुआती कारोबार में करीब 1 प्रतिशत तक बढ़ीं और कीमतें 737.10 डॉलर प्रति टन के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गईं।
डीलरों को उम्मीद है कि भारत में चीनी की मांग में और बढ़ोतरी होगी, जो विश्व का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। इसकी वजह से लंदन में चीनी की वायदा कीमतों में तेजी का रुख है। उद्योग जगत के अधिकारियों का कहना है कि भारत में इस समय 15 लाख टन चीनी बंदरगाहों पर पड़ी है, जिसकी वजह से आयात में सुस्ती है।
हालांकि उनका मानना है कि घरेलू मांग को पूरा करने के लिए अभी 10 लाख टन चीनी का और आयात करना होगा। मुंबई में चीनी की हाजिर कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कारोबारी आने वाले दिनों में चीनी की कमी की उम्मीद के चलते बड़े पैमाने पर खरीदारी कर रहे हैं।
देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के कोल्हापुर में सबसे ज्यादा कारोबार वाली एस-किस्म की चीनी की कीमतें गुरुवार को 2.5 प्रतिशत बढ़कर 3972 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गईं। डीलरों का कहना है कि एक दिन पहले कीमतें 3,873.6 रुपये प्रति क्विंटल थीं, जो रिकॉर्ड गुरुवार को टूट गया।
चीनी के थोक कारोबारियों के मुताबिक 1-5 जनवरी तक चीनी मिलों ने थोक बाजार के लिए कोई आपूर्ति नहीं की। लिहाजा बाजार पर दबाव बनता गया और कीमतें रोजाना 50-100 रुपये प्रति क्विंटल की रफ्तार से बढ़ती गई। 10 दिनों में 32 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर से 44 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंचने से बाजार में चीनी का उठाव काफी तेज हो गया है।
कारोबारी कहते हैं, 'फिलहाल कोई शादी-ब्याह भी नहीं है लेकिन तेजी के दबाव के कारण अधिक से अधिक मात्रा में चीनी जमा करने की प्रवृत्ति काम कर रही है। पिछले सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह बाजार में चीनी का उठाव दोगुना बताया जा रहा है।'
कारोबारी यह भी कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में कच्ची चीनी को परिष्कृत करने की प्रक्रिया चालू नहीं होने से भी बाजार में तेजी है। कांडला पोर्ट पर लगभग 10 लाख टन से अधिक कच्ची चीनी पड़ी है। इन्हें परिष्कृत करने के लिए उत्तर प्रदेश लाया जाना है।
लेकिन किसानों के विरोध के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है। बाजार सूत्रों के मुताबिक गन्ने का भुगतान उत्तर प्रदेश में 240-250 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। जो कि पिछले साल के मुकाबले 80 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमत 35 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुकी है। भारत के पोर्ट तक इसकी कीमत 37 रुपये प्रति किलोग्राम हो जाती है। इस प्रकार से अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई तेजी से भी चीनी नई ऊंचाई पर जा रही है।
दिल्ली में 10 दिन में 40 फीसदी महंगी हुई चीनी
लंदन में चीनी की वायदा दर 737।10 डॉलर प्रति टन के रिकॉर्ड स्तर परमहाराष्ट्र के कोल्हापुर में गुरुवार को एस किस्म की चीनी 2.5 प्रतिशत महंगी हुईपिछले ढाई महीने में दिल्ली के थोक बाजार में चीनी की कीमतों में 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी (बीएस हिन्दी)

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