राजकोट January 06, 2010
इस महीने जीरे के वायदा भाव में तेजी आने की उम्मीद है। निर्यात के नए ऑर्डर मिलने की संभावना से यह तेजी आने का अनुमान है।
कारोबारियों ने बताया कि विदेश से जीरे की मांग इस हफ्ते से बढ़ने की उम्मीद है। ऐंजल ब्रोकिंग के कमोडिटीज रिसर्च प्रमुख अमर सिंह ने बताया, 'इस महीने विदेशी बाजार से जीरे की मांग बढ़ने की संभावना है। इससे जीरे में प्रति क्विंटल 1 से 2 हजार रुपये तेजी आने की उम्मीद है।'
उन्होंने बताया, 'वायदा बाजार में जीरा यदि 14,000 रुपये से गिरा तो यह 12,000 रुपये तक जाएगा। लेकिन फिलहाल इसमें कमी होने की उम्मीद नहीं है। विदेशों में इसकी मांग बनी हुई है।' जीरे का कैरीओवर भंडार फिलहाल पिछले साल का आधा रह गया है।
ऐंजल रिसर्च के अनुसार 2009-10 में देश में जीरे का उत्पादन करीब 12.6 करोड़ किलोग्राम रहेगा। इसका कैरीओवर भंडार लगभग 3 से 4 करोड़ किलो रहने का अनुमान है। पिछले साल जीरे का उत्पादन 15 करोड़ किलोग्राम और कैरीओवर भंडार 7.2 करोड़ किलो के करीब था। निर्यातकों की इस मसले पर अलग राय है। उनका कहना है कि इसके निर्यात की मांग वास्तव में फरवरी से शुरू होगी। फिलहाल घरेलू मांग से ही बाजार में तेजी है।
ऊंझा के फेमस एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के मीनेश पटेल ने बताया, 'निर्यात तब शुरू होगा जब इसकी नई फसल बाजार में आ जाएगी। कीमतों में अचानक तेजी नहीं आ जाएगी। मौजूदा परिस्थितियों में वायदा बाजार हाजिर बाजार को प्रभावित नहीं करेगा। इस साल बाजार में कुल 21 करोड़ किलोग्राम जीरा उपलब्ध रहेगा। पिछले साल 27 करोड़ किलोग्राम जीरा बाजार में उपलब्ध था।' (बीएस हिन्दी)
07 जनवरी 2010
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