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06 जनवरी 2010

चाय उत्पादन में भारत देगा चीन को चुनौती

कोलकाता।। भारतीय चाय इंडस्ट्री उत्पादन के मामले में चीन की बराबरी कर सकती है। चीन में चाय का सालाना उत्पादन 11,600 लाख (116 करोड़) किलो है। साल 2010 में भारतीय चाय इंडस्ट्री को भी उम्मीद है कि मौसम के साथ देने पर वह 10,000 लाख (100 करोड़) किलो चाय का उत्पादन कर लेगी। इंडस्ट्री को उम्मीद है कि इस साल भी चाय की कीमतों में तेजी रहेगी। नया चाय सीजन शुरू हो चुका है जबकि साल 2009 में दुनिया भर में करीब 7 करोड़ किलो चाय की कमी रहने का अनुमान है। चाय बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक साल 2009 के पहले 10 महीने के दौरान दुनिया भर में 6।613 करोड़ किलो चाय की कमी थी। पिछले साल चाय के उत्पादन पर सूखे का असर पड़ा था। इस वजह से केन्या में 2.3 करोड़ किलो और श्रीलंका में 4.2 करोड़ किलो चाय का उत्पादन कम हुआ था।भारतीय चाय असोसिएशन के चेयरमैन आदित्य खेतान ने ईटी को बताया, 'भारत में 98 करोड़ किलो चाय का उत्पादन हो रहा है। ऐसे में अगले साल उद्योग 100 करोड़ किलो उत्पादन लक्ष्य को हासिल कर सकता है। हमें उम्मीद है कि अगर मौसम ने साथ दिया तो भारत इस आंकड़े को जरूर छू लेगा।' धुनसेरी टी ऐंड इंडस्ट्रीज के चेयरमैन सी. के. धानुका के मुताबिक, 'कीमतों में स्थिरता बनी रहेगी और इनमें अगले सीजन में कोई बड़ी गिरावट नहीं आएगी। इस साल चाय की कीमत 15 रुपए किलो बढ़ेगी। निर्यात कीमतों में भी तेजी आएगी।'साल 2009 में देश में चाय के कैरीओवर स्टॉक में कमी आई है। सूखे की वजह से देश में साल 2009 में चाय का उत्पादन भी कम रहा है। इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक पिछले साल चाय उत्पादन में एक करोड़ किलो की कमी आई थी। इस वजह से देश में कैरीओवर स्टॉक भी तीन करोड़ किलो कम रहा। यही नहीं इस साल देश में चाय की खपत में दो करोड़ किलो का इजाफा होगा। ऐसे में चाय की कुल कमी छह करोड़ किलो की हो सकती है।चाय का सरप्लस स्टॉक साल 2003 से ही कम हो रहा है। चाय का पाइपलाइन स्टॉक साल 2000 के 5.3 करोड़ किलो से साल 2003 में बढ़कर 6.7 करोड़ किलो हो गया था, लेकिन इसके बाद 2006 में यह गिरकर 2.6 करोड़ किलो रह गया। चाय बोर्ड के एक अधिकारी के मुताबिक, 'पिछले कुछ सालों से कैरीओवर स्टॉक में कमी आई है।' योजना आयोग ने हालांकि चाय इंडस्ट्री को मदद देने का कार्यक्रम शुरू किया है। 15 जनवरी को वाणिज्य मंत्रालय की एक बैठक होनी है जिसमें चाय इंडस्ट्री के प्रदर्शन और इसे सुधारने के सुझावों पर विचार होगा। (ई टी हिन्दी)

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