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09 जनवरी 2010

चीनी के दाम पर मंत्रालय सक्रिय

चीनी की बेलगाम हो रही कीमतों पर खाद्य मंत्रालय ने सक्रियता दिखाई है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की सचिव अलका सिरोही ने शुक्रवार को चीनी उद्योग के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाकर हालात का जायजा लिया। सरकारी सख्ती का असर चीनी की कीमतों पर देखने को मिला। इसके दाम में 40-50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। एक्स-फैक्ट्री दाम 4300 रुपये से घटकर 4250 रुपये और दिल्ली थोक बाजार में 4400 रुपये से घटकर 4360 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक बैठक में सरकार ने चीनी आयात में हो रही दिक्कतों को जल्दी सुलझाने को कहा ताकि इसकी सप्लाई सुगम हो सके और घरेलू बाजार में आसमान छूती कीमतों पर काबू पाया जा सके। इससे पहले 7 जनवरी को कीमतों पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपी) की बैठक में प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने भी चीनी के बढ़ते दाम पर चिंता जाहिर की थी।खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की सचिव के साथ बैठक में उद्योग के वरिष्ठ अधिकारियों ने चीनी आयात की वर्तमान नीति से नाखुशी जाहिर की तथा कई राज्यों में आयातित चीनी पर वैट लगाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि रेलवे से रैक न मिलने और उत्तर प्रदेश में रॉ-शुगर (गैर-रिफाइंड चीनी) की आवक पर प्रदेश सरकार द्वारा रोक लगाने के कारण भी आयातित चीनी की उपलब्धता सुगम नहीं हो पा रही रही है।चालू पेराई सीजन में देश में चीनी का उत्पादन 160 लाख टन होने की संभावना है जबकि अभी तक हुए आयात सौदों और पहली अक्टूबर को बचे हुए बकाया स्टॉक को मिलाकर कुल उपलब्धता मांग के आसपास ही बैठने का अनुमान है। उत्पादन और आयात को मिलाकर देश में कुल उपलब्धता करीब 230 लाख टन की बैठ रही है जबकि देश में चीनी की सालाना खपत करीब 220 लाख टन की है। चीनी उद्योग के अधिकारियों के मुताबिक, मात्र 10 लाख टन और चीनी आयात की आवश्यकता पड़ेगी। वह भी अक्टूबर में अगला पेराई सीजन शुरू होने तक।निर्यात के लिए और मोहलतनई दिल्ली। चीनी के बढ़ते दाम को काबू में करने के लिए सरकार ने एक और कदम उठाया है। सरकार ने रॉ-शुगर आयात के बदले चीनी निर्यात करने की अवधि को और 15 महीने के लिए बढ़ा दिया है। यह आदेश सितंबर 2004 से अप्रैल 2008 के बीच एडवांस लाइसेंस स्कीम के तहत आयातित रॉ-शुगर के लिए लागू किया गया है। इसकी अवधि दिसंबर 2009 में खत्म हो गई थी। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)

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